Chandauli News: ड्यूटी रजिस्टर मांगनें पर आग बबूला हुआ आरआई, ASP के साथ जातिसूचक शब्दों का किया प्रयोग

Chandauli News: चंदौली के आर आई लाइन की ठकुरई के शिकार हुए ऑपरेशन नक्सल,पुलिस अधीक्षक को जातिसूचक शब्दों से नवाज कर आरआई ने अपर पुलिस अधीक्षक का अपमान किया।

Report :  Ashvini Mishra
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-07-28 13:32 IST

उत्तर प्रदेश पुलिस का चिन्ह (फाइल फोटो:सोशल मीडिया)

Chandauli News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चंदौली (Chandauli) जिले के आर आई लाइन की ठकुरई के शिकार हुए ऑपरेशन नक्सल,पुलिस अधीक्षक को जातिसूचक शब्दों से नवाज कर आरआई ने अपर पुलिस अधीक्षक का अपमान किया। एएसपी नक्सल ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री सहित अन्य विभागीय कर्मचारियों से गुहार लगाकर न्याय की मांग कि है। एसएपी नक्सल का ड्यूटी रजिस्टर मांगना आर आई को नागवार लगा गया जिससे आरआई ने एएसपी नक्सल को दबंगई दिखाकर औकात में रहने की धमकी दे डाली।

अपर पुलिस अधीक्षक ने मुख्यमंत्री,पुलिस महानिदेशक अपर पुलिस महानिदेशक तथा पुलिस महा निरीक्षक के साथ-साथ एसपी को पत्र लिखकर आर आई द्वारा किए गए व अनुशासनहीनता पर एक्शन लेने की मांग की है।

रजिस्टर मांगने पर आरआई ने की अभद्रता

मिली जानकारी के मुताबित अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल द्वारा मंगलवार की गणना परेड में पाई गई गड़बड़ियों पर जब आर आई से गणना में नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारियों का नियुक्ति रजिस्टर मांगा गया तो पुलिस लाइन आर आई रविंद्र प्रताप सिंह अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार पर आग बबूला हो गए और उन्हें जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए लाइन के मामले में दखल न देने तक की बात कह दी।

आईपीएस की प्रतीक चिन्ह की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया )


एएसपी ने पत्र लिखकर उच्चधिकारियों से न्याय की अपील की

जिसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल अनिल कुमार द्वारा पत्र में लिखकर आरोप लगाया गया है कि मैं बनारस का ठाकुर हुं,तुम कनौज के चमार हो, तुह्मरे जैसे लोग कूड़ा फेंकते हैं। इस आरोप के साथ एएसपी नक्सल ने अपने उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई है।

वहीं उन्होंने जाति सूचक शब्द का प्रयोग करने के साथ-साथ अपनी बिरादरी ठाकुर बिरादरी की सरकार होने तक की भी नसीहत दे दी । ऐसे में जब अपर पुलिस अधीक्षक की अपने कार्य करने के कारण सुरक्षित नहीं है तो आम जनता की क्या मानें।

एएसपी के रजिस्टर मांगने पर आग बबूला हुआ आरआई

वहीं इस सबंध में पुलिस विभाग के लोगों का कहना है कि गणना में लंबे समय से तैनात सिपाहियों एवं अधिकारियों से लाइन के आर आई और उनसे संबंधित बाबू द्वारा लंबी रकम लेकर उन्हें 2 से 3 साल तक गणना में रखकर उनसे धन उगाही की जाती रही है। जिसकी भनक लगने पर अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल द्वारा जब नियुक्ति रजिस्टर मांगा गया तो लाइन की लड़ाई रविंद्र प्रताप सिंह आग बबूला हो गए अब देखना है कि ऐसे निरंकुश आर आई के खिलाफ पुलिस विभाग का क्या क्या रवैया अपनाता है और उनके ऊपर कार्यवाही होती है या नहीं।

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