Dilip Kumar: ट्रेजडी किंग की फेवरेट सेवई, विदेशों तक मशहूर है प्रयागराज की दिलीप सेवई

Dilip Kumar: दिलीप कुमार से जुड़े कई किस्सें और यादें हैं। ऐसे में एक किस्सा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है। ये किस्सा प्रयागराज की मशहूर सेवई दिलीप सेवई का है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-07-07 04:39 GMT

दिलीप कुमार (फोटो- सोशल मीडिया)

Dilip Kumar: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार(Dilip Kumar) इस दुनिया से हमेशा के लिए विदा हो गए। आज सुबह करीब सुबह सवा सात बजे मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में 98 की उम्र में दिलीप कुमार का निधन हो गया। पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गई है। दिलीप कुमार के फैंस की आंखे नम हो गई है। दिग्गज कलाकार से जुड़ी यादें उनके चाहनेवालों में ताउम्र बनी रहेंगी।

दिलीप कुमार से जुड़े कई किस्सें और यादें हैं। ऐसे में एक किस्सा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है। ये किस्सा प्रयागराज की मशहूर सेवई दिलीप सेवई का है। बता दें, आज से यानी साल 2021 से 44 साल पहले दिलीप सेवई का नाम दिलीप कुमार के नाम पर रखा गया। 

दिलीप सेवई

बड़ी बात तो ये है कि 70 के दशक में शुरू हुई ये कंपनी आज भी यूपी से लेकर विदेशों में भी व्यापार करती है। इस मशहूर सेवई का विदेशों में भी काफी नाम है। दिलीप सेवई के स्वादिष्ट पकवानों का स्वाद लोगों को वहां तक ले जाता है।

दिलीप सेवई (फोटो- सोशल मीडिया)

ऐसे में दिलीप सेवई के माइलक तौसीफ बताते है कि 44 साल पहले दिलीप कुमार के नाम पर ही इस प्रोडक्ट का नाम रखा गया। उनके दादा मोहम्मद हनीफ दिलीप कुमार के बहुत बड़े फैन थे।

उन्होंने जब अपनी कंपनी खोली तो सेवई का नाम दिलीप साहब के नाम पर रखा। फिर इसके बाद जब वे मुंबई गए, तो दिलीप कुमार को सेवई उपहार रूप में दी। जिसके बाद दिलीप कुमार ने सेवई की खूब तारीफ की थी।

दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार के जन्म का असली नाम युसूफ खान है। उनका जन्म पेशावर (अब पाकिस्तान मे) में हुआ था। उनके पिता मुंबई आ बसे थे, जहां उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों में काम करना शुरू किया। बाद में उन्होने अपना नाम दिलीप कुमार रख लिया था।

बॉलीवुड में उन्हें 'द फस्ट खान' और 'ट्रेजडी किंग' के नाम से नवाजा गया। जीं हां उन्होंने 6 दशकों तक सिनेमा जगत में अपना योगदान दिया।

बॉलीवुड में दिलीप कुमार ने अपने एक्टिंग की शुरुआत 1944 में फिल्म ज्वार भाटा से की थी। इसे बॉम्बे टॉकीज ने प्रोड्यूस किया था। अस्सी के दशक में विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज्जतदार (1990) और सौदागर (1991) फिल्मों में अपने अभिनय से फिल्मों को हिट कराया। 1998 में बनी फ़िल्म किला उनकी आखिरी फ़िल्म थी।


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