UP Election 2022: गाजीपुर जनपद के जहूराबाद विधानसभा सीट पर होगा दिलचस्प मुकाबला
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में जहूराबाद विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता नजर आ रहा है। इस सीट से सपा के पूर्व मंत्री शादाब फातिमा भी चुनावी मैदान में उतर सकती हैं।
गाजीपुर। गाजीपुर जनपद के जहूराबाद विधानसभा सीट (Zahoorabad Assembly seat) पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि गठबंधन के प्रत्याशी ओमप्रकाश के खिलाफ सपा सरकार में मंत्री व जहूराबाद से पूर्व विधायक शादाब फातिमा चुनाव मैदान में उतरने का संकेत दे दिया है। अगर पूर्व मंत्री शादाब फातिमा (Shadab Fatima) जहूराबाद से चुनाव मैदान में आ गई तो सपा का वोट बैंक शादाब फातिमा के साथ हो जायेगा। जिसका सीधा फायदा भाजपा को होगा। क्योंकि मुस्लिमों के साथ-साथ यादवों पर भी फातिमा की पकड़ अच्छी है।
ओमप्रकाश के लिए होगा कड़ा मुकाबला
जहूराबाद विधायक ओमप्रकाश राजभर को इस बार जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र से कही हार का सामना ना करना पड़ जाये। क्योंकि शादाब फातिमा का चुनाव मैदान में आ जाने से जहूराबाद विधानसभा का एक तबका सीधे शादाब फातिमा के साथ हो जायेगा। यही नहीं शादाब फातिमा की क्षेत्र में पकड़ अच्छी खासी है। जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र के सपा नेता भी शादाब फातिमा का समर्थन करते दिखाई दे रहे है तो वहीं ओमप्रकाश से जहूराबाद विधानसभा की जनता भी नाराज है। हां राजभर समाज जरूरत ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) के साथ हो सकते है। लेकिन बुझरात राजभर के बसपा (BSP) से मैदान में होने से राजभरों का कुछ प्रतिशत वोट कटने की उम्मीद है। वहीं सपा का वोट बैंक शादाब फातिमा के साथ हुआ तो इसका नतीजा ओमप्रकाश राजभर को भुगतना पड़ेगा।
भाजपा को हो सकता है बड़ा फायदा
जहूराबाद विधानसभा के इस लड़ाई में भाजपा को बड़ा फायदा होता दिख रहा है। हालांकि भाजपा के तरफ से अभी कोई प्रत्याशी को जहूराबाद में नहीं उतारा गया है।लेकिन शादाब फातिमा के चुनाव मैदान में आने से भाजपा को फायदा होता दिख रहा है। जिसका मुख्य कारण है यादव व मुस्लिम समाज का शादाब फातिमा के साथ होना।वहीं जहूराबाद के अन्य जातियों की बात करें तो वो ओमप्रकाश राजभर से काफी खफा है। क्योंकि पांच साल तक यहां की जनता को ओमप्रकाश सिर्फ गुमराह किये हैं।वहीं भाजपा को राजपूत, ब्राह्मण, गुप्ता, चौहान समेत कुछ अन्य जातियों पर कोई खास पकड़ नहीं है।
शादाब फातिमा ने नहीं उठाया फोन
जब न्यूज़ट्रैक के प्रतिनिधि ने पूर्व मंत्री शादाब फातिमा से ये जानने के लिए फोन से संपर्क करना चाहा की वो निर्दल मैदान में आयेंगी या किसी पार्टी से तो उन्होंने बात करना तो छोड़िए फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। कहीं ये मिडिया के सवालों से घबराती तो नहीं हैं। क्योंकि जब ये सरकार में मंत्री थी तब इस क्षेत्र का कुछ खास विकास नहीं किया था।यही नहीं इनके मंत्री काल में बड़ोड़ा मील बंद पड़ी थी।जिसके तरफ इनका ध्यान नहीं गया और ना ही वो कभी उस मील की बात की।