Gorakhpur News: गोरखपुर में औद्योगिक प्लांट चाहिए तो यहां करें आवेदन

Gorakhpur News: गोरखपुर जिले में उद्योग लगाने के लिए यदि आपको जमीन की तलाश है तो यह खबर आपके काम की है।

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-07-21 15:07 IST

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) जिले में उद्योग लगाने के लिए यदि आपको जमीन की तलाश है तो यह खबर आपके काम की है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने भीटी रावत में अगल-अलग साइज के भूखंड के लिए आवेदन निकाला है। उद्योग लगाने को 6000 वर्ग मीटर से लेकर 4800 रुपये वर्ग मीटर में भू-खंड उपलब्ध है। इसके लिए आवेदन शुरू हो गया है। 10 अगस्त तक भू-खंड के लिए आवेदन किया जा सकता है।

गीडा प्रशासन ने भीटी रावत सेक्टर 26 में भूखंडों के आवंटन के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। करीब 100 एकड़ भू-खंड के लिए अलग-अलग साइज के लिए अलग रेट निर्धारित किया गया है। रेडीमेड गारमेंट को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के अंतर्गत मंजूरी मिलने के बाद काफी संख्या में उद्यमी जमीन लिए आस लगाए हुए बैठे हैं।

कई उद्यमी उद्योग ने गीडा प्रशासन से जमीन की मांग की  

इसके अलावा कई उद्यमी उद्योग लगाने के लिए गीडा प्रशासन से जमीन की मांग भी की है। ऐसे में गीडा प्रशासन ने अभी हाल में अधिग्रहित किए गए भीटी रावत में प्लॉटों के आवंटन के लिए विज्ञापन जारी किया है। इसके अंतर्गत करीब 4000 वर्ग मीटर से लेकर 12500 वर्ग मीटर तक के भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

6000 से लेकर 4800 रुपये वर्ग मीटर में भू-खंड

भूखंडों की कीमत का निर्धारण उनके आकार के आधार पर अलग-अलग निर्धारित किया गया है। 0 से 4000 वर्ग मीटर तक 6000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से, 4001 से 20000 वर्ग मीटर तक 5000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से, 20001 वर्ग मीटर से 80000 वर्ग मीटर तक 5200 रुपये प्रति मीटर की दर से और 80001 वर्ग मीटर के ऊपर 4800 रुपये प्रति लीटर की दर से कीमत निर्धारित की गई है। गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल ने बताया कि भूखंडों के आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन देना होगा।

आवदेकर्ता 20 जुलाई से कर सकते हैं आवेदन

आवेदन 20 जुलाई से लेकर 10 अगस्त तक किया जा सकता है। आवंटन किसी पर लागू आवंटन की दर पर हैं आवंटन किया जाएगा। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंह का कहना है कि गोरखपुर में जमीन महंगा होने से उद्यमियों के निवेश का बड़ा हिस्सा जमीन खरीदने में चला जाता है। जमीन की कीमत कम होनी चाहिए। गीडा को चाहिए कि पहले वह भू-खंड का विकास करें फिर आवेदन निकाले।

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