Gorakhpur News: टेराकोटा को मिलेगी वैश्विक पहचान, 2.83 करोड़ रुपये बनेगा सीएफसी

योगी सरकार कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) के जरिये गोरखपुर के टेराकोटा माटी शिल्प की ब्रांडिंग को और मजबूत करने जा रही है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-07-31 16:07 GMT

टेराकोटा माटी शिल्प की एक झलक

Gorakhpur News: योगी सरकार कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) के जरिये गोरखपुर के टेराकोटा माटी शिल्प की ब्रांडिंग को और मजबूत करने जा रही है। गोरखपुर में दो सीएफसी बनने और इनमें से एक के लिए सरकार ने 2.83 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी दे दी है। इस पर केंद्र सरकार की मुहर भी लग गई है। सीएफसी बनने से टेराकोटा शिल्पियों को एक ही छत के नीचे गुणवत्ता जांच, ट्रेनिंग समेत सभी सुविधाएं मिलने लगेंगी। इससे टेराकोटा के बाजार का और विस्तार भी होगा।

जिले के गुलरिहा क्षेत्र के औरंगाबाद समेत गिनती के कुछ गांवों से निकलकर टेराकोटा आज वैश्विक पहचान बना चुका है तो इसका श्रेय एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) को जाता है। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने ओडीओपी में गोरखपुर के पहले उत्पाद के रूप में टेराकोटा को शामिल किया। इसके बाद से तो टेराकोटा शिल्प को पंख लग गए।


कई शिल्पी तो अब लाखों का कारोबार करते हैं। दिवाली के समय लखनऊ में लगे शिल्प मेले में गोरखपुर के कुछ टेराकोटा शिल्पियों के हुनर और टर्नओवर की चर्चा सीएम योगी कई मंचों से कर चुके हैं। योगी सरकार के प्रयास से टेराकोटा को जीआई टैग भी हासिल हो चुका है। इसके चलते यह शिल्प देश के बौद्धिक संपदा अधिकार में भी शामिल होकर कानूनी पहचान प्राप्त कर चुका है।

आधुनिक मशीनों की लैब में होगी ट्रेनिंग

2.83 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सीएफसी में टेराकोटा शिल्पियों को तमाम सुविधाएं मिलेंगी। सीएफसी में मिट्टी की टेस्टिंग, उत्पाद के रंग-रोगन, पैकेजिंग आदि की जानकारी, ट्रेनिंग देने के साथ आधुनिक मशीनों से युक्त लैब बनाई जाएगी। यहां इलेक्ट्रिक, और गैस की भट्ठी, इलेक्ट्रिक व सोलर चाक, मिट्टी गुंथने की मशीन, डाई (सांचा) समेत टेराकोटा उत्पाद तैयार करने के लिए अन्य सभी उपकरण भी उपलब्ध रहेंगे। 


उत्पादों के भंडारण के लिए गोदाम भी रहेगा। साथ ही शो-रूम भी बनाया जाएगा। यहां ट्रेनिंग सेंटर के माध्यम से कोई भी व्यक्ति टेराकोटा कला की बारीकिया सीख सकेगा। सीएफसी पादरी बाजार क्षेत्र में बनना प्रस्तावित है। सीएफसी बनने से करीब पांच सौ लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके तहत करीब बीस शिल्पियों का एक क्लस्टर बनाया जाएगा। सीएफसी के संचालन के लिए स्पेशल परपज व्हेकिल (एसपीवी) बनाई जाएगी। इसके संचालन का दायित्व टेराकोटा शिल्पकार ही संभालेंगे।

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