Manish gupta hatyakand: क्या होटल में ही हो गई थी मनीष की मौत, मानसी अस्पताल के चिकित्सकों ने शव को रेफर किया?

Manish gupta hatyakand: मनीष हत्याकांड से एसआईटी की जांच में वारदात के अनसुलझे सवालों से पर्दा उठने लगा है।

Published By :  Monika
Update:2021-10-03 16:53 IST

Gorakhpur News: कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या (manish gupta ki hatya) मामले में पुलिस की हैवानियत से पर्दा उठने लगा है। तफ्तीश से साफ होता दिख रहा है कि मनीष की मौत पुलिस की पिटाई से होटल में ही हो गई थी। मानसी अस्पताल (Mansi Hospital) के चिकित्सकों को मनीष का ब्लडप्रेशर और पल्स नहीं मिला था। जिसके बाद पुलिस ने कहा, चेकिंग के दौरान चोट लग गई है, मामूली चोट है, मरहम पट्टी कर दीजिये। चिकित्सकों ने भर्ती करने से इंकार किया और मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पुलिस मनीष का शव लेकर मेडिकल कॉलेज गई थी। जब मनीष के शरीर में जान ही नहीं थी तो मेडिकल कालेज के डॉक्टरों ने ऑक्सीजन लगाने का नाटक क्यों किया?

मनीष हत्याकांड से एसआईटी की जांच में वारदात के अनसुलझे सवालों से पर्दा उठने लगा है। एसआईटी के हाथ कई ऐसे अहम सुराग लगे हैं, जिससे जल्द ही इस मामले में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है। टीम अब होटल कृष्णा पैलेस और मानसी हास्पिटल में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है। होटल कर्मचारी के साथ ही मानसी अस्पताल के हेल्थ वर्करों से पूछताछ की जा रही है।

टीम मानसी हास्पिटल जाकर वहां भी फॉरेंसिक जांच करने की तैयारी में है। उधर, मानसी अस्पताल के डॉक्टर पंकज दीक्षित के बयान से साफ दिख रहा है कि मनीष की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी। घटना वाली रात 12.36 बजे पुलिस मनीष को लेकर अस्पताल पहुंची थी। पुलिस ने कहा था कि चेकिंग के दौरान एक युवक घायल हो गया है। इसकी मरहम- पट्टी कर दीजिए। चेकअप के दौरान ही मरीज का बीपी (ब्लड प्रेशर) और पल्स नहीं मिल रहा था।

मानसी अस्पताल के चिकित्सक डॉ पंकज दीक्षित (फोटो : सोशल मडिया )

किया गया मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर

डॉक्टर ने बताया कि ऐसे में हमने तत्काल बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। चिकित्सकों के मुताबिक, अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसके शरीर से काफी अधिक खून निकल चुका था। जिससे पल्स और बीपी नहीं मिला।

कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी ने बताया कि इतनी जल्दी इस मामले में कुछ भी कहना उचित नहीं होगा, अगर सभी का सहयोग मिला तो उम्मीद है कि जल्द ही हमारी टीम इस मामले से जुड़े सभी तथ्यों का जुटाकर मौत के कारणों से पर्दा उठा देगी। सूत्रों की माने तो एसआइटी सीबीआई से पहले ही खुलासा करने की तैयारी में है।

होटल कर्मचारी ने मिटाए थे सबूत?

होटल कर्मचारी आर्दश पांडेय ने घटना के तत्काल बाद ही होटल से मनीष के खून के धब्बों को साफ कर दिया था। जबकि सीसीटीवी फुटेज और अस्पताल की टाइमिंग ही अब पुलिस वालों के गले की फांस बन रही है। जबकि बेंजाडीन टेस्ट में पुलिस ने जमीन की सतह के मिटाए गए सबूत भी एसआइटी ने जुटा लिए हैं। होटल में एक नहीं बल्कि कई जगहों से मिटाए गए खून के धब्बे बेंजाडीन टेस्ट में सामने आ गए। अब टीम को होटल कर्मचारी आदर्श की तलाश है। वह पुलिस की पकड़ से दूर है। टीम के सदस्य उसके घर भी गए लेकिन वह नहीं मिला। वहीं होटल मालिक का बयान भी सवालों में है। होटल मालिक का बयान है कि मैनेजर बाहर ही खड़ा था, लेकिन पुलिस द्वारा जारी कमरे की फोटो में वह भी अंदर दिख रहा है।

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