Gorakhpur News : मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के बीच से बोटिंग, ऐसे बदल रही है गोरखपुर के जुहू-चौपाटी की तस्वीर
Gorakhpur News : गोरखपुर शहर का डस्टबिन बन चुके रामगढ़ झील की बदलती रौनक की वजह से अब इसे गोरखपुर का जुहू-चौपाटी कहा जाने लगा है।
Gorakhpur News : चंद वर्ष पहले तक गोरखपुर शहर का डस्टबिन बन चुके रामगढ़झील की तस्वीर बदल रही है। झील में हवा के झोंके के साथ उठ रही लहरों को देखते हुए इसे गोरखपुर का जुहू-चौपाटी कहा जाने लगा है। इसके साथ ही आसपास के इलाकों की रौनक भी बदल रही है। जलकुंभी से पटे 43 एकड़ वाटर बाडी में अब लोग बोटिंग का आनंद ले रहे हैं।
जल्द ही इसे सुव्यवस्थित तरीके से चालू करने की योजना है। वहीं रामगढ़झील के पास महंत दिग्विजयनाथ पार्क की म्यूरल पेंटिंग लोगों को पंसद आ रही है। आगामी 23 सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान इस पार्क को आम लोगों को समर्पित करेंगे।
सी-प्लेन को रामगढ़ झील में उतारने की योजना
तारामंडल क्षेत्र में रामगढ़झील के सामने करीब 43 एकड़ में फैली वाटर बाडी में बोटिंग का सफल ट्रायल किया गया। जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह के निर्देश पर दो स्टीमर वाटर बाडी के एक से दूसरे छोर तक चलायी गई। स्टीमर बुद्ध म्यूजियम एवं अंबेडकर पार्क के सामने बने दो पुलों के नीचे से होकर गुजरी।
सफल ट्रायल के बाद इसे नियमित चलाने की कार्य योजना तैयार की जा रही है। वहीं इस इलाके में तीन फाइव स्टार होटल प्रस्तावित है। होटल ताज ग्रुप भी यहां निवेश करने को तैयार है। एक फाइव स्टार होटल बन कर तैयार है। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।
वहीं वाराणसी से गोरखपुर के बीच प्रस्तावित सी-प्लेन को भी रामगढ़झील में उतारने की योजना है। इसके साथ ही 50 करोड़ की लागत से वाटर स्पोर्ट्स काम्पलेक्स बनकर तैयार है। यहां इंटरनेशनल स्तर के वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियां हो सकेंगी।
कभी जलकुंभी का जाल था, अब हो रही बोटिंग
पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के प्रयासों से चार दशक पहले रामगढ़झील के इर्दगिर्द नया गोरखपुर बसाने की योजना बनी थी। बाद में यह भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहल पर तस्वीर बदल रही है।
रामगढ़झील के नौकायन के सामने से वाटर बाडी बुद्ध म्यूजियम, वैशाली आवासीय कालोनी, अंबेडकर पार्क, वसुंधरा एंक्लेव के पीछे से होते हुए सर्किट हाउस के दूसरी ओर तक फैली है। इसमें गंदगी और जलकुंभी होने के चलते जीडीए की बोटिंग की प्लानिंग हकीकत में सफल नहीं हो पा रही है। जीडीए उपाध्यक्ष की पहल पर जलकुंभी को साफ कराया गया।
एक महीने में पूरी वाटर बाडी से जलकुंभी निकाल दी गई है। जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह का कहना है कि शुरू में पैडल बोटिंग शुरू करने की योजना है। वाटर बाडी के किनारे-किनारे प्लेटफार्म बनाकर उसका सुंदरीकरण भी किया जाएगा। भविष्य में दोनों ओर पाथ वे भी बनाने की योजना है। बोटिंग शुरू होने के बाद लोग एक छोर से दूसरे छोर तक मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों और हरियाली के बीच भ्रमण कर सकेंगे।
म्यूरल पेंटिंग से दिखेगी महंत दिग्विजयनाथ की जीवन यात्रा
रामगढ़झील के सामने विकसित महंत दिग्विजयनाथ पार्क में स्थापित महंत दिग्विजयनाथ की जीवन यात्रा का चित्रण पार्क की दिवारों पर हो रहा है। प्रतिमा के पीछे की दीवार पर म्यूरल पेंटिंग लगाने का काम अंतिम चरण में है। म्यूरल पेंटिंग के जरिए महंत दिग्विजयनाथ की जीवन यात्रा चित्रित की जा रही है।
23 सितंबर को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रतिमा का अनावरण करेंगे। दिग्विजयनाथ पार्क में सर्किट हाउस की ओर महंत दिग्विजयनाथ की आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रतिमा के सामने ही निर्माणाधीन भव्य मंच पर पत्थर लगाने का काम चल रहा है।
जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि पार्क को तीन हिस्सों में बांट कर सुविधा दी जा रही है। नौकायन की ओर पार्किंग तो वहीं त्रिकोण आकार का पाथ वे बनाया जा रहा है। पार्क में ओपेन जिम के साथ चिल्ड्रेन कार्नर भी है। पाथ वे पर आर्नामेंटल लाइट लगाई जा रही है।