Gorakhpur News Today: योगी के गढ़ में प्रियंका दे रहीं युवाओं को तरजीह, क्या पूरी होगी कांग्रेस के पुनर्जीवन की 'प्रतिज्ञा'?

Gorakhpur News Today: पीएम नरेन्द्र मोदी के गढ़ वाराणसी में सफल रैली के बाद कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी 31 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में गरजेंगी।

Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-10-27 04:52 GMT

प्रियंका गांधी

Gorakhpur News Today: किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के बाद बदले सियासी परिदृश्य में राजनीतिक दल पश्चिमी उत्तर प्रदेश (pashchimi uttar pradesh) और पूर्वांचल (Purvanchal) के लिए अलग-अलग रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी कवायद में पीएम नरेन्द्र मोदी की पूर्वांचल में ताबड़तोड़ रैलियां (Narendra Modi Ki Rally) हो रही हैं। अब कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का फोकस भी पूर्वांचल पर दिख रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी के गढ़ वाराणसी में सफल रैली के बाद प्रियंका 31 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के गढ़ गोरखपुर में गरजेंगी। यहां प्रियंका कांग्रेस के पुनर्जीवन के लिए 'प्रतिज्ञा' लेंगी। यह प्रयास प्रियंका युवाओं के भरोसे कर रही हैं। कांग्रेस में जान फूंकने के लिए वह पूर्वांचल के युवाओं को पहले से ही तरजीह दे रही हैं।

प्रतिज्ञा रैली को लेकर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू मंगलवार को गोरखपुर पहुंच गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर इसे फाइनल कर दिया है। अजय लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने कहा कि गोरखपुर में प्रियंका गांधी की रैली ऐतिहासिक होगी। आसपास के लोगों में रैली को लेकर जबरदस्त उत्साह दिख रहा है। जनता बदलाव को तैयार है। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने पहले ही चुनावी एजेंडा साफ कर दिया है। वह किसान, नौजवान और महिलाओं के लिए पूरी कार्ययोजना लेकर आ रही हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी ने खुद पूरी व्यवस्था संभाल रखी है।

लल्‍लू ने कहा कि भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ती है। ऐसा होता तो ऑस्‍ट्रेलिया और इंग्‍लैंड की फोटो लगाने की क्‍या जरूरत थी? हमारे प्रधानमंत्री जी ने फतेहपुर के मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन कर दिया। अभी वहां बिल्डिंग बन रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल हवा और झूठे वादों पर लड़ती है। ये ब्रांडिंग और होर्डिंग की सरकार है। खाद कारखाना कांग्रेस ने स्‍थापित किया। पैसा कांग्रेस की यूपीए सरकार में आया। फीता किसने काटा? चीनी मिलों का हाल क्‍या है?

प्रियंका गांधी के साथ अजय कुमार लल्लू (फाइल फोटो- न्यूज ट्रैक)

योगी के गढ़ में कितना मजबूत प्रियंका का यूथ बिग्रेड?

प्रदेश में सत्ता का बनवास झेल रही कांग्रेस युवा कंधों के सहारे 2022 के विधानसभा चुनावों में मजबूत दस्तक देने का दावा कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले युवा चेहरों को संगठन में तरजीह देकर कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब कांग्रेस में संघर्ष करने वालों के अच्छे दिन आ गए हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि ये युवा चेहरे नाक तक पहुंच चुकी कांग्रेस की गुटबाजी को खत्म कर कैसे भाजपा, सपा और बसपा से दो-दो हाथ करते हैं। कैसे कोमा की स्थिति में पहुँच चुकी कांग्रेस में जान फूंकते हैं।

पूर्वाचल के चार प्रमुख चेहरे कांग्रेस में अहम स्थान रखते हैं। कुशीनगर के अजय लल्लू प्रदेश अध्यक्ष हैं। वहीं सुप्रिया श्रीनेता राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। कुशीनगर से आने वाले आरपीएन सिंह भी किसी परिचय के मोहताज नहीं है। छात्र राजनीति और संघर्षों की उपज विश्वविजय सिंह को प्रिंयका की कोर टीम का सदस्य माना जा रहा है। इतना ही नहीं पूर्वांचल के जिलों में प्रियंका ने युवा जिलाध्यक्षों को ही तरजीह दी है।

संघर्ष से उपजे अजय लल्लू के कंधे पर परचम की जिम्मेदारी

मोदी-योगी की आंधी में पूर्वांचल कांग्रेस का झंडा बुलंद करने वाले कुशीनगर जिले के तमकुहीराज विधायक अजय कुमार लल्लू के हाथों में कांग्रेस की कमान सौंप पर प्रियंका ने साफ कर दिया था कि पूर्वांचल की उनके लिए क्या अहमियत है। धर्मबल, बाहुबल, धनबल से परे अजय कुमार लल्लू की पहचान संघर्ष की रही है। गन्ना किसान, मुसहर, नदियों के कटान से बर्बाद हो रहे गांव से लेकर विधानसभा में मुद्दों की राजनीति करने वाले अजय लल्लू के सामने चुनौतियों का पहाड़ नजर आता है।

लल्लू को उन कांग्रेसियों के बीच काम करने की चुनौती है जिन्होंने सत्ता का सुख भोगा है। जो बदले हालात में बदलाव तो चाहते हैं लेकिन अपने एसी कमरों से पाव नहीं निकालना चाहते। लल्लू प्रियंका गांधी के साथ राहुल गांधी की भी पसंद हैं। छात्र राजनीति की उपज अजय लल्लू 2012 में तब सुर्खियों में आए जब सपा की आंधी में तमकुहीराज विधानसभा से कांग्रेस का परचम लहराया।

अजय लल्लू महिला से बात करते हुए (फाइल फोटो- सोशल मीडिया) 

सेवरही निवासी शिवनाथ प्रसाद के पुत्र अजय लल्लू की पारिवारिक पृष्ठभूमि सामान्य है। दो दशक पहले वह तब सुर्खियों में आए जब 1999 में कुशीनगर के किसान पीजी कॉलेज छात्रसंघ चुनाव में महामंत्री पद पर जीते। संर्घषों के बल पर अगले ही साल 2000 में छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिन्दू युवा वाहिनी के सामान्तर लल्लू से स्थानीय युवाओं के बल पर एकता परिषद का गठन कर सियासी जमीन तैयार की।

2007 में लल्लू ने निर्दलीय पर्चा भरा लेकिन वह चुनाव हार गए। इसके बाद ही वह कुशीनगर की सियासत में मजबूत दखल रखने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुंवर आरपीएन सिंह के साथ जुड़ गए। कुंवर आरपीएन सिंह के प्रयास से ही 2012 में उन्हें कुशीनगर की तमकुहीराज विधानसभा सीट के कांग्रेस का टिकट मिला। कांग्रेस के टिकट पर पहले ही चुनाव में 17 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल कर वह कांग्रेस के बड़े नेताओं की नजर में आ गए। वहीं 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में अजय कुमार लल्लू पूर्वांचल में कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले इकलौते विधायक बने। कांग्रेस ने लल्लू को कांग्रेस विधानमंडल दल का नेता बनाया है।

योगी के कॉलेज से सियासत का ककहरा सीख कांग्रेस का दामन थामा

कांग्रेस ने जनसंघर्षों से सुर्खियों में आने वाले विश्वविजय सिंह को महासचिव बनाया है। विश्वविजय भी छात्र राजनीति की उपज हैं। उन्होंने छात्र राजनीति की शुरूआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरंक्षकत्व वाले दिग्विजयनाथ डिग्री कॉलेज से शुरू की। विश्वविजय दिग्विजयनाथ डिग्री कालेज छात्र संघ चुनाव में उपाध्यक्ष के पद पर बड़े अंतर से जीते। इसके बाद 1994 में उन्होंने दिग्विजयनाथ डिग्री काॅलेज छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद का चुनाव जीता।

विश्वविजय सिंह गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में कार्यकारिणी सदस्य का चुनाव भी 1998 में जीता था। विश्वविजय पिछले दो दशक से गंगा की सहायक नदी आमी के प्रदूषण को लेकर संघर्ष कर रहे है। आमी बचाओ मंच के बैनर तले उनके संघर्षों का नतीजा है कि एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ 25-25 लाख रुपये का जुर्माना किया। प्रदूषण को लेकर एनजीटी के कड़े रूख का नतीजा है कि गीडा प्रशासन को सीईटीपी की कार्ययोजना तैयार करनी पड़ी है।

कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ विश्वविजय सिंह

आमी नदी को नमामि गंगे योजना में शामिल कराने का श्रेय भी विश्वविजय के संघर्षों को ही जाता है। वहीं प्रियंका गांधी ने महराजगंज में फरेंदा विधानसभा से चुनाव लड़ चुके वीरेन्द्र चौधरी को प्रदेश कमेटी में उपाध्यक्ष बनाया है। वीरेन्द्र चौधरी के मनोनयन के पीछे जातीय समीकरण को वजह माना जा रहा है।

महराजगंज की सुप्रिया श्रीनेत चैनलों पर कांग्रेस का चेहरा बनीं

महराजगंज लोकसभा सीट से दो बार सांसद का चुनाव जीतने वाले हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया श्रीनेत को पिछले दिनों कांग्रेस ने राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद पर बिठाया है। सुप्रिया श्रीनेत एक नेशनल बिजनेज चैनल में एकंर थीं। पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव में वह नौकरी छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर महराजगंज सीट से चुनाव लड़ी थीं। पर उन्हें करारी हार झेलनी पड़ी। युवा और आर्थिक मामलों की जानकार को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाकर कांग्रेस ने संदेश दिया है कि वह युवाओं पर भरोसा कर रही है।

पिता स्व.हर्षवर्धन के साथ कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (फाइल फोटो- न्यूज ट्रैक)

वर्तमान में सुप्रिया श्रीनेत न्यूज चैनलों पर कांग्रेस का मजबूत चेहरा बनकर उभरी हैं। महिलाओं को भागीदारी को लेकर प्रियंका मीडिया के सामने आती हैं तो उनके साथ सुप्रिया श्रीनेत ही नजर आती हैं। 

Tags:    

Similar News