Jaunpur News: एक ऐसा गांव, जहां आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी नहीं पहुंची बिजली
जौनपुर के तहसील मछलीशहर क्षेत्र स्थित का नोनराकला है जो तहसील मुख्यालय से महज पांच किमी दूरी पर स्थित है। यहां आजादी के 75 सालों बाद भी आज तक बिजली की रोशनी नहीं पहुंच सकी है। विकास और बिजली के लिए ग्रामीण जनों द्वारा तमाम पत्राचार शासन प्रशासन के पास करने बाद भी गांव रात्रि के अंधेरे में रहता है।
Jaunpur News: सरकारें गांव गली कूचे आदि के विकास की चाहे जितने दावे करें लेकिन आज कुछ ऐसे गांव है जहां की आवाम ढिबरी के जरिए रात्रि उजाला पाने को मजबूर है। आजाद भारत के ऐसे गांव में आजादी के 75 सालों बाद भी आज तक बिजली का न पहुंचना सरकार सहित शासन प्रशासन सभी को सवालों के कटघरे में खड़ा करता है। ऐसा गांव जनपद जौनपुर (District Jaunpur) के तहसील मछलीशहर क्षेत्र (Tehsil Machhlishahr Area) स्थित का नोनराकला (Village Nonra kala) है जो तहसील मुख्यालय से महज पांच किमी दूरी पर स्थित है। यहां आजादी के बाद आज तक बिजली की रोशनी नहीं पहुंच सकी है। इस गांव की आवाम आज भी 18वीं सदी में जीने को मजबूर है। विकास और बिजली के लिए ग्रामीण जनों द्वारा तमाम पत्राचार शासन प्रशासन के पास करने बाद भी गांव रात्रि के अंधेरे में रहता है।
आजादी के बाद से आज तक नहीं पहुंचनी बिजली
मछलीशहर (सु) विधानसभा क्षेत्र में यह अविकसित गांव आता है और यहां के विधायक जगदीश सोनकर (MLA Jagdish Sonkar) है और सपा शासन काल में 05 साल तक मंत्री भी रहे लेकिन नोनराकला गांव (Village Nonra Art) में बिजली की व्यवस्था नहीं कर सके है। खबर है कि 63.54 हेक्टेयर क्षेत्रफल के इस गांव में दो से ढाई सौ की आबादी है। यहां पर आजादी के बाद से आज तक बिजली नहीं पहुंचने से यह गांव अविकसित श्रेणी में आगया है।
अंधेरा होते ही सोने को मजबूर बच्चे
देश आधुनिक संसाधन से विकास के नारे जड़ रहा है लेकिन इस गांव नोनरा कला (Village Nonra kala) में विकास की किरण ही नहीं पहुंची है। बिजली न होने से यहां पर आधुनिक संसाधन का जबरदस्त आभाव है। सिंचाई की के सहारा इंजन पम्प है जो मंहगाई की भेंट चढ़ा हुआ है। बिजली न होने सबसे खराब प्रभाव शिक्षा पर पड़ा है। बच्चे रात्रि में अंधेरा होते ही सोने को मजबूर हो जाते है।
MLA सोनकर ने चुनाव के समय बिजली लाने का गांव वालों से किया था वादा: गांव निवासी
इस समस्या के बाबत गांव के निवासी बताते है कि यहां के विधायक जगदीश सोनकर (MLA Jagdish Sonkar) है चुनाव के समय गांव वालों से वादा किए थे कि चुनाव खत्म होते ही इस गांव का विद्युतीकरण करा दिया जाएगा, पांच साल बीतने को है सोनकर इधर दिखे तक नहीं बिजली लाना दूर की बात है।
ढिबरी लालटेन के सहारे व्यतीत होती हैं रातें
इसी तरह गांव की वृद्ध महिलाओं का कहना है कि जब हम ब्याह के इस गांव में आए से आज तक बिजली के बल्ब का प्रकाश नहीं देखा। ढिबरी लालटेन के सहारे रातें व्यतीत किए है। चुनाव आते ही नेता आकर बिजली देने का वादा करते है चुनाव खत्म नेता भूल जाते है। रंजीत यादव बताते है कि बिजली के शासन प्रशासन के पास तमाम पत्राचार किया गया लेकिन किसी भी स्तर से हम गांव वालों की समस्या पर आज तक ध्यान नहीं दिया गया है। पीएम सौभाग्य योजना (PM Saubhagya Scheme) के तहत भी इस गांव में बिजली नहीं पहुंचा सकी है। सोलर लैम्प अथवा ढिबरी ही गांव को रात में प्रकाश दे रही है।
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