Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, कोरोना प्रोटोकॉल का हुआ पालन

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति के पर्व पर संगम की रेती पर लगे माघ मेले में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा है। ब्रह्म मुहूर्त से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

Report :  Syed Raza
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-01-14 03:50 GMT

संगम मकर संक्रांति (फोटो-सोशल मीडिया)

Prayagraj: संगम की रेती पर लगे माघ मेले के पहले स्थान पर्व मकर संक्रांति (makar sankranti 2022) पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा है। ब्रह्म मुहूर्त से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से जल पुलिस के साथ-साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है। साथ ही डीप वाटर बैरिकेडिंग की गई है। इसके अलावा पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है, घाटों पर भारी भीड़ ना उमड़े इसके लिए घाटों की संख्या मे बढ़ोतरी की गई है।

इस बार मेला क्षेत्र में 24 अलग-अलग घाट बनाए गए हैं। घाटों का विस्तार भी किया गया है, साथ ही सुरक्षा के लिहाज से 4 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की मेला क्षेत्र में तैनाती की गई है। जिसमें सिविल पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ, पीएसी, आरएएफ के अलावा आठ के कमांडो का दस्ता भी तैनात है। साथ ही एलआईयू की टीमें भी सादी वर्दी में मेला क्षेत्र में भ्रमण कर रही है।

कोविड को देखते हुए बेहद सावधानी

इसके अलावा 13 अस्थायी पुलिस थाने और 26 पुलिस चौकी का भी निर्माण किया गया है। साथ ही सीसीटीवी और ड्रोन के जरिए भी पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। एसपी मेला राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से सभी चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं, साथ ही कोविड को देखते हुए बेहद सावधानी बरती जा रही है।

साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने संगम में निर्देश जारी करते हुए कहा कि संक्रांति स्नान और माघ मेला में वही व्यक्ति प्रवेश कर सकेंगे, जिनको कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। जिनको वैक्सीन नहीं लगी है या डोज अधूरी है, उन्हें मकर संक्रांति स्नान और माघ मेला में इजाजत नहीं मिलेगी।

घाटों पर विशेष निगरानी की जा रही है, साथ ही कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं को भी सुरक्षा के लिहाज से सतर्कता और सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। जो भी श्रद्धालु कल्पवास के लिए आ रहे हैं, उन्हें 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट लेकर आने के लिए कहा गया है।

इसके अलावा अगर कोई श्रद्धालु नहीं लेकर आया है तो उसके लिए यहीं पर जांच की व्यवस्था की गई है। कोशिश है कि मेला हमेशा की तरह इस बार भी निर्विघ्न रुप से सकुशल संपन्न हो सके। इसके लिए मेला प्रशासन हर संभव कोशिश में जुटा है। श्रद्धालुओ का कहना है कि सभी ने आस्था की डुबकी लगाई है, और माँ गंगा से विनती की है कि जल्द से जल्द कोरोना महामारी दूर करे और पूरे विश्व मे शांति हो ।


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