Santkabirnagar News: धार्मिक मान्यताओं को समेटे हुए है ये शिव मंदिर, कुंती से लेकर बुद्ध तक ने की यहां पूजा
यूपी के संत कबीर नगर जिले का ऐतिहासिक शिव मंदिर बाबा तामेश्वर नाथ धाम अपने आप में एक अलग मान्यता रखता है।
Santkabirnagar News: यूपी के संत कबीर नगर जिले का ऐतिहासिक शिव मंदिर बाबा तामेश्वर नाथ धाम अपने आप में एक अलग मान्यता रखता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हजारों वर्ष पूर्व माता कुंती ने अपने पांचों पुत्रों के खुशहाली के लिए शिवलिंग की स्थापना करते हुए अज्ञातवास किया था और भगवान बुद्ध ने इस मंदिर पर पहुंचकर मुंडन कराते हुए राज्यश्री ठाट बाट से किया था।
तामेश्वर नाथ धाम में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भक्तों पहुंचते हैं
जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर पूरब दिशा में बसा तामेश्वर नाथ धाम में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भक्तों पहुंचते हैं बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक करते हुए मन्नत मांगते हैं पूरी होने पर यहां पर आकर चढ़ावा चढ़ाते हैं। हज़ारो साल पहले बने इस शिव मंदिर के बारे में मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि द्वापर काल में जब पांड्वो को अज्ञातवाश हुआ था तब अपने पांचो पुत्रो के साथ माता कुंती सबसे पहले यहाँ आई थी ,यही पे माता कुंती पुत्रो कि कुशलता के लिए देवाधिदेव नीलकंठ की शिवलिंग की स्थापना कर के पूजा की थी।
गौतम बुद्ध ने अपना मुंडन भी इसी स्थान पर कराया था
माता कुंती के द्वारा स्थापित शिवलिंग की पूजा और पांड्वो के अज्ञातवास के दौरान ठहराव के अलावा यह भी माना जाता है कि महात्मा गौतमबुद्ध अपने राजसी वस्त्रो को अपने सारथी तक्षक को सौप कर संन्यास ग्रहण किये थे, यही पर गौतम बुद्ध ने अपना मुंडन भी कराया था मुंडन कराने के बाद भगवान बुद्ध पैदल ही यहाँ से अज्ञात स्थान के लिए निकल गए थे। आज यही शिव मंदिर इसी कारण से एक तरफ जहां हिंदुवो के लिए एक बड़ा आस्था का केंद्र बना हुआ है तो दूसरी तरफ बौद्ध धर्म के अनुयाइयो के एक बड़े तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है।
यूं तो बाबा भोले नाथ की महिमा का कोई पार नहीं पाया है ,भगवान् शिव इतने भोले माने जाते है की वो अपने भक्तो पर जल्द ही प्रसन्न होकर उसकी सभी मुरादों को पूरी कर देते है । भगवान् शिव में आस्था रखने वाले कभी इन के इस धाम से निराश होकर नहीं लौटे है भगवान् शिव के इस धाम तामेश्वर नाथ धाम में दूर दूर से भक्त आते है और उनकी पूजा अर्चना करते है ।