Sonbhadra News: अनपरा डी से विद्युत उत्पादन हुआ ठप, बिजली को लेकर मची हायतौबा

एक हजार मेगावाट की उत्पादक क्षमता वाली अनपरा डी में अचानक खराबी आने से उत्पादन क्षमता शुन्य हो गया है।

Published By :  Deepak Raj
Update: 2021-07-20 12:01 GMT

अनपरा डी विद्युत परियोजना ( फोटो-सोशल मीडिया)

Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के स्वामित्व वाली तथा पूर्ण रूप से राख बांध पर स्थापित देश की पहली परियोजना अनपरा डी में मंगलवार को उत्पादन शून्य हो गया। इस परियोजना की 500 मेगावाट वाली सातवीं इकाई पहले से अनुरक्षण में चल रही है। इसी क्षमता की छठवीं इकाई चालू थी जिससे 500 मेगावाट के करीब उत्पादन लिया जा रहा था। सूत्र बताते हैं कि सुबह 9:00 बजे के करीब अचानक से छठवीं इकाई के ब्वायलर का तापमान काफी बढ़ गया।

अभियंताओं ने उसे नियंत्रित करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। तब कंट्रोल रूम से मामले की जानकारी तत्काल परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक राकेशचंद्र श्रीवास्तव को दी गई। उन्होंने इसकी जानकारी देने के साथ ही तत्काल इकाई का संचालन ठप करा दिया। इसके चलते अनपरा डी का उत्पादन पूरी तरह शून्य हो गया। इसके चलते पावर सेक्टर को मिलने वाली बिजली की उपलब्धता में भी कमी आई। बता दें कि इस परियोजना की 500 मेगावाट वाली दूसरी इकाई अचानक से इकाई के भीतर आग लग जाने के कारण पहले से बंद है। उसके चलते जहां परियोजना को लाखों का नुकसान सहना पड़ा है। वहीं इकाई को उत्पादन पर लाने में भी अभियंताओं को समय लग रहा है। --


अनपरा डी विद्युत परियोजना (फोटो-सोशल मीडिया)


जल्द उत्पादन पर लाने का हो रहा है प्रयास

अनपरा तापीय परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक राकेशचंद्र श्रीवास्तव ने सेलफोन पर हुई वार्ता में अनपरा डी परियोजना की 500 मेगावाट क्षमता वाली छठवीं इकाई को बंद किए जाने की पुष्टि की। बताया कि अभियंताओं की टीम खामी ढूंढने में लगी हुई है। पूरी कोशिश है कि जल्द ही इस इकाई को लाइटअप कर उत्पादन पर ले लिया जाएगा। वहीं आग लगने के कारण गत 13 नवंबर 2019 से बंद चल रही 500 मेगावाट वाली अनपरा डी की दूसरी इकाई के बारे में बताया कि उसको भी शीघ्र उत्पादन पर लाने के प्रयास जारी हैं।

शक्ति भवन से स्थिति की लगातार हो रही मानिटरिंग

उन्होंने उम्मीद जताई कि 3 से 4 दिन में दोनों इकाइयों को उत्पादन पर ले लिया जाएगा और उनके लोड पर आते ही परियोजना से पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू हो जाएगा। राज्य के पावर सेक्टर को अनपरा डी से पीक आवर के समय भी महज ढाई से तीन रुपए प्रति यूनिट में बिजली उपलब्ध हो जाती है। इसके अभाव में ₹4 या इससे अधिक में बिजली खरीदनी पड़ती है, जिसका सीधा असर विद्युत आपूर्ति के बढ़ते टैरिफ और उपभोक्ताओं पर पड़ता है।

यही कारण है कि लगभग 20 माह से बंद पड़ी अनपरा डी की दूसरी इकाई पहले से ही बेचैनी की स्थिति बनाए हुई थी। मंगलवार को पहली इकाई भी ट्रिप होने से हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसको देखते हुए अनपरा डी में इकाइयों को उत्पादन पर लाने को लेकर चल रहे कार्य की लखनऊ स्थित शक्ति भवन ने सीधे मानिटरिंग शुरू कर दी गई है। सूत्र बताते हैं कि वहां बैठे शीर्ष अधिकारी हर घंटे अनपरा डी के स्थिति की रिपोर्ट ले रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि सब कुछ ठीक रहा तो 24 घंटे में पहली इकाई और 3 दिन के भीतर दूसरी इकाई को उत्पादन पर ले लिया जाएगा। ऐसा हुआ तो 1000 मेगावाट की सस्ती बिजली पावर सेक्टर को और बिजली कटौती से बड़ी राहत देती नजर आएगी।

-तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने 2015 में किया था उद्घाटन

अनपरा डी परियोजना का उद्घाटन वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था लेकिन परियोजना से कामर्शियल उत्पादन शुरू होने में एक साल का वक्त लगा था। प्रदेश की यह महत्वाकांक्षी योजना जहां निर्माण के समय लेटलतीफी की समस्या से जुड़ी थी। वही जब-तब उत्पादन की बड़ी समस्या से जूझना पड़ रहा है। बता दें कि स्थिति को लेकर विद्युत नियामक आयोग भी सख्‍त रुख अपना चुका है। बता दें कि परियोजना की बंदी पर जहां उत्‍पादन निगम के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की गई थी।

वहीं परियोजना की तकनीकी सहायता करने वाली भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्‍स लिमिटेड (भेल) की लापरवाही पर भी सवाल उठाए गए थे। वहीं उपभोक्‍ता संगठनों ने अनपरा परियोजना में बड़े घोटाले की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। संगठनों की तरफ से तर्क दिया गया था कि अनपरा डी परियोजना के आधार पर साल 2015-16 के टैरिफ आदेश में करीब 2916 मिलियन यूनिट बिजली खरीद तय की गई थी।

जिसकी बिजली खरीद करीब 2.96 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से कुल 864 करोड़ बनती थी। इसके बंद होने के कारण सस्ती बिजली नहीं मिल सकी और यूपी पावर कारपोरेशन को दूसरी जगह से 4- 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदनी पड़ी थी, जिसका सीधा असर अगले साल के टैरिफ में यूपी की जनता को बढ़ी बिजली दर के रूप में भुगतना पड़ा था।

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