Sonbhadra News: ASP-CO की लापरवाही का अदालत ने लिया संज्ञान, कार्रवाई के लिए भेजा पत्र, दलित उत्पीड़न से जुड़ा मामला

किशोर न्याय बोर्ड ने एससी एसटी एक्ट की विवेचना में बड़ी लापरवाही पाई है और इसका संज्ञान लेते हुए सीओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है।

Published By :  Deepak Raj
Update:2021-07-18 19:31 IST

प्रतीकात्मक तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है

Sonbhadra News: पन्नूगंज थाना क्षेत्र में दलित के साथ हुई मारपीट एवं उत्पीड़न के मामले में लापरवाही बरतने वाले तत्कालीन क्षेत्राधिकारी के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। बगैर गिरफ्तारी, बगैर नोटिस एससी-एसटी एक्ट के आरोपियों का बयान दर्ज करने तथा बिना मुचलका पाबंदी के बयान के बाद उन्हें छोड़ देने के मामले को लेकर बोर्ड ने गंभीरता से लिया है और इसे संदर्भित करते हुए एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश और जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर कार्रवाई करने के लिए कहा है।

पुलिस क्षेत्राधिकारी अभिनव यादव ने घोर लापरवाही बरती है

विवेचना में बरती गई लापरवाही का पर्यवेक्षण अधिकारी रहे एएसपी द्वारा संज्ञान न लिए जाने पर भी बोर्ड ने आपत्ति व्यक्त की है। बीते दिवस सुनवाई के दौरान किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह और सदस्य शमशेर बहादुर सिंह ने पाया कि पन्नूगंज थाना क्षेत्र में हुए दलित उत्पीड़न के मामले की विवेचना में तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी अभिनव यादव ने घोर लापरवाही बरती है।


प्रतीकात्मक तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है

पत्रावली में पाया गया कि अभियुक्तों की बिना गिरफ्तारी, बिना नोटिस जारी किए बयान अंकित किया गया और बिना मुचलिका पाबंद किए उनको रिहा कर दिया गया। इस पर किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह और सदस्य शमशेर बहादुर सिंह ने कड़ी आपत्ति करते हुए प्रकरण का संज्ञान लिया और इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रसंज्ञान आदेश की प्रति एससी-एसटी आयोग नई दिल्ली, पुलिस महानिदेशक लखनऊ और पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को भेजते हुए विवेचना में बरती गई लापरवाही के बाबत आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा है।

पर्यवेक्षण अधिकारी ने भी विवेचना की गलतियों पर नहीं दिया ध्यान

पर्यवेक्षण अधिकारी ने भी विवेचना की गलतियों पर नहीं दिया ध्यान : किशोर न्याय बोर्ड द्वारा किए गए मामले के परिशीलन में पर्यवेक्षण अधिकारी द्वारा भी गलतियों पर ध्यान न दिए जाने का मामला सामने आया है। बोर्ड अध्यक्ष विनय सिंह ने पारित आदेश में आपत्ति व्यक्त हुए कहा है कि उक्त तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा भी आरोप पत्र अग्रसारित किया गया है।


प्रेस नोट


बोर्ड के संज्ञान में यह भी पाया गया कि आरोपपत्र तीन माह विलंब से न्यायालय / किशोर न्याय बोर्ड में दाखिल किया गया है। वर्तमान में संबंधित विवेचक स्थानांतरित हो चुके हैं। किशोर न्याय बोर्ड द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को आदेशित किया गया है कि अविलंब आरोप पत्र न्यायालय / किशोर न्याय बोर्ड में दाखिल करना सुनिश्चित करें। इसमें लापरवाही पाए जाने पर विधिक नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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