Bhadohi News: सावन का दूसरा सोमवार, शिवालय रहा भक्तों से गुलजार

Bhadohi News: सावन के दूसरे सोमवार के मौके पर शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ दूरी बनाते हुए दिखाई दिया। भगवान शिव की पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा गया।

Written By :  Umesh Singh
Published By :  Durgesh Bahadur
Update:2021-08-02 23:10 IST
सावन का दूसरा सोमवार (प्रतीकात्मक फोटो- सोशल मीडिया)

Bhadohi News: सावन के दूसरे सोमवार के मौके पर शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ दूरी बनाते हुए दिखाई दिया। भगवान शिव (Lord Shiva) के मंदिरों में शिवभक्त अपनी मनोकामना मन में लिए हुए उनकी विधिवत पूजा की। भगवान शिव की पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा गया। भक्तजनों के नारे से शिवालय (Shivalay) गुलजार दिखाई दिए। भक्तजन भक्ति से अभिभूत भगवान शिव की पूजा करने में तल्लीन दिखाई दिये। वहीं शिवालय भक्तों से पटा हुआ दिखाई दिया।

भगवान शिव की आराधना के बारें में ओम प्रकाश पांडेय ने बताया कि सावन के महीने में सोमवार के व्रत का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि शिव उन लोगों से जल्द प्रसन्न होते हैं। सावन के महीने में सोमवार का व्रत करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और सालभर के सोमवार का व्रत रहने का पुण्य प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि माना जाता है कि सावन का दूसरा सोमवार विशेष फलदायक होता है। इस दिन भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, भांग, शहद आदि अर्पित कर विशेष पूजन करना चाहिए।

कहा जाता है कि शिव.पूजन से परिवार की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं। सावन में शिव पूजन के लिए कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने-अपने स्थानों को लौट रहे होते हैं। इसके साथ ही मंदिरों में श्रद्धालु शिव का जलाभिषेक करते हैं। साथ ही बताया कि सावन का महीना भोल-भंडारी को अतिप्रिय है। इस समय में शिव अपने भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं। शिव की पूजा अर्चना का महीना सावन माना जाता है।

पुराणों और शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सावन सोमवार सोलह सोमवार और सोम प्रदोष सोमवार व्रत की विधि सभी व्रतों में समान होती है। इस व्रत को श्रावण माह में आरंभ करना शुभ माना जाता है। श्रावण सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।

हरिहरनाथ मन्दिर पर शिवभक्त बाबा हरिहरनाथ की पूजा कर अपने को कृतकृत्य मान रहे थे। कांवल प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के बारीपुर चकसिखारी चककिसुनदास आदि स्थानों पर स्थित शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं के द्वारा पूजा करने का सिलसिला जारी रहा और देर शाम तक चलता रहा।

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