बच्चों पर आई आफत: वाराणसी के बीएचयू में आईसीयू फुल, 26 बच्चे ऑक्सीजन पर

वाराणसी जनपद के BHU अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में इस समय 26 बच्चे ऑक्सीजन पर हैं। आईसीयू और सामान्य वार्ड फुल हो गए हैं।

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Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-07-19 05:14 GMT

वाराणसी के बीएचयू में आईसीयू फुल, 26 बच्चे ऑक्सीजन पर: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Varanasi News: कोरोना महामारी की तीसरी लहर की चर्चा के बीच वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में इन दिनों बीमार बच्चों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मौसम में परिवर्तन से बढ़ी उमस व गर्मी के साथ ही संक्रामक रोगों ने हमला तेज कर दिया है। बता दें कि पीडियाट्रिक वार्ड और आईसीयू फुल हो गए हैं। बच्चों को संक्रमित होने की आशंका ने चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी है। हालांकि जो बच्चे भर्ती हैं, उन सभी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है और ये सभी फ्लू से पीड़ित हैं जिसमें कुछ बच्चों को ऑक्सीजन की जरूरत भी पड़ रही है।

बता दें कि वाराणसी के बीएचयू अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में इस समय 26 बच्चे ऑक्सीजन पर हैं। आईसीयू और सामान्य वार्ड फुल हो गए हैं। बीएचयू के पीडियाट्रिक विभाग की इमरजेंसी में प्रतिदिन 50 से 60 बच्चे पहुंच रहे हैं। 10 दिन पहले तक मात्र 25 से 30 बच्चे ही इमरजेंसी में पहुंच रहे थे। औसतन चार से पांच डायरिया पीड़ित बच्चे रोज भर्ती हो रहे हैं।

इन विमारियों का प्रकोप बढ़ा है

कोरोना संक्रमण के बीच इन दिनों डायरिया, खांसी, जुकाम, मलेरिया, पीलिया, निमोनिया और वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ा है। एक बच्चा डेंगू से भी पीड़ित है। अधिकतर बच्चे खांसी, जुकाम वायरल फीवर और उल्टी दस्त की बीमारी वाले आ रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि गर्मी के कारण बच्चों को डायरिया हो रहा है। पीडियाट्रिक विभाग के आईसीयू में आठ, एचडीयू में आठ बेड है। दोनों फुल हैं। 10 बेड पर अतिरिक्त ऑक्सीजन सपोर्ट पर बच्चे हैं।

 बीएचयू अस्पताल आईसीयू में भर्ती बच्चे: फोटो- सोशल मीडिया

डॉक्टरों ने क्या कहा?

प्रो. राजनीति प्रसाद, अध्यक्ष पीडियाट्रिक विभाग, बीएचयू बताते हैं कि बरसात में बच्चों के लिए ज्यादा खतरा रहता है। इमरजेंसी में मरीज बढ़ गए हैं। माता पिता अपने बच्चों को शुद्ध पानी पीने को दें। मच्छरदानी में बच्चे को सुलाएं। बच्चों को बासी भोजन न दें। बच्चों को जरा सी परेशानी पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। डॉ. एसपी सिंह, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, मंडलीय अस्पताल ने बताया कि मौसम के परिवर्तन होते ही नमी बढ़ जाती है। इस कारण वायरस बैक्टिरिया फंगस एक्टिव हो जाते हैं। मंडलीय अस्पताल में इस समय बीमार बच्चों की संख्या दोगुना हो गई है।

बच्चों को खुले में रखा भोजन न खिलाएं, बाहर का खाद्य सामग्री न दें

डॉ. केके ओझा, अध्यक्ष, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स बताते हैं कि इस समय वायरल फीवर के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। घर में अगर किसी को फ्लू है तो पूरा परिवार में चपेट में आ रहा है। हालांकि बच्चे गंभीर नहीं हो रहे हैं। इस समय बच्चों को बाहर को भीड़-भाड़ से बचाएं।

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