Kashi Vishwanath Dham: पीएम मोदी के तीन संकल्प, 'स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत'
काशी का विवरण करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "काशी शब्दों का विषय नहीं है, संवेदनाओं की सृष्टि है। काशी वो है- जहां जागृति ही जीवन है। काशी वो है- जहां मृत्यु भी मंगल है। काशी वो है- जहां सत्य ही संस्कार है। काशी वो है- जहां प्रेम ही परंपरा है।"
औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है- पीएम
पीएम मोदी ने कहा, आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए। औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है, जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की। जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की, लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।" उन्होंने आगे कहा कि, "यहाँ अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं। और अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं।"
'ये काशी शिवमयी है, ये काशी ज्ञानमयी है'
पीएम मोदी ने संबोधन में कहा, "काशी शब्दों का विषय नही है काशी संवेदनाओं का विषय है। हमारी इस वाराणसी ने युगों को जिया है, इतिहास को बनते बिगड़ते देखा है। कितने ही कालखंड आये, कितनी ही सल्तनतें उठी और मिट्टी में मिल गई। फिर भी बनारस बना हुआ है। बनारस अपना रस बिखेर रहा है।" उन्होंने आगे कहा, "ये काशी शिवमयी है, ये काशी ज्ञानमयी है।"
पीएम मोदी ने श्रमिकों का किया अभिनंदन
पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ में काम करने वाले श्रमिकों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा, "मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। मुझे अभी अपने इन श्रमिक साथियों से मिलने का, उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है।"
पीएम मोदी ने कहा, "काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है?"
विश्वनाथ धाम प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का- मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है। ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का, ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का, ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का, भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का। आप यहां जब आएंगे तो केवल आस्था के दर्शन नहीं करेंगे। आपको यहां अपने अतीत के गौरव का अहसास भी होगा। कैसे प्राचीनता और नवीनता एक साथ सजीव हो रही हैं, कैसे पुरातन की प्रेरणाएं भविष्य को दिशा दे रही हैं, इसके साक्षात दर्शन विश्वनाथ धाम परिसर में हम कर रहे हैं।"
पीएम मोदी ने कहा, "हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद, एक अलौकिक ऊर्जा यहां आते ही हमारी अंतर-आत्मा को जागृत कर देती है।"
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "अभी मैं बाबा के साथ साथ नगर कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन करके भी आ रहा हूं, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूं। काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है। मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं।"
PM मोदी ने भोजपुरी में शुरू किया संबोधन
पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन कर दिया है। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने हर-हर महादेव के उद्घोष से अपने संबोधन की शुरुआत। इसके पश्चात पीएम ने भोजपुरी भाषा में जनसभा को संबोधित किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा, "राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब 100 साल पहले वाराणसी आए थे, तो उन्होंने संकरी गलियों और गंदगी को देखकर दर्द व्यक्त किया था। गांधी जी के नाम पर कई लोग सत्ता में आए, लेकिन पहली बार उनका शानदार काशी का सपना साकार हुआ है।"