UP News: एकबार फिर लोक निर्माण विभाग में मंत्री और प्रमुख सचिव आमने-सामने, जानें क्या है पूरा मामला

UP News: लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान से बन नहीं रही। इसलिए रह रहकर विवाद सामने आ रहे हैं। ताजा मामला लोक निर्माण विभाग के बजट के सरेंडर करने को लेकर है। जिसे लेकर मंत्री जितिन प्रसाद नाराज बताए जा रहे हैं।

Update:2023-04-22 21:21 IST
(Pic: Social Media)

UP News: योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अधिकारियों की मनमानी को लेकर सरकार के कई मंत्री अपनी असहजता प्रकट कर चुके हैं। सबसे अधिक घमासान लोक निर्माण विभाग (पीडब्लयूडी) में मचा हुआ है। पीडब्लयूडी के मंत्री जितिन प्रसाद हैं। उनकी विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान से बन नहीं रही। इसलिए रह रहकर विवाद सामने आ रहे हैं। ताजा मामला लोक निर्माण विभाग के बजट के सरेंडर करने को लेकर है। जिसे लेकर मंत्री जितिन प्रसाद नाराज बताए जा रहे हैं।

दरअसल, वित्तीय वर्ष 2022-23 में पीडब्लयूडी अपने लिए निर्धारित बजट की पूरी राशि खर्च नहीं कर पाया था, जिसके बाद वित्तीय वर्ष के आखिरी माह में 9000 करोड़ रूपये सरेंडर कर दिए गए थे। सरेंडर की गई राशि से प्रदेश में कई सड़कें, पुल, सेतु, भवन आदि का निर्माण कार्य पूरा हो सकता था। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण उक्त धनराशि समय पर नहीं खर्च की जा सकी।

मंत्री जितिन प्रसाद को जब इसके बारे में पता चला तो वे नाराज हुए। अब उन्होंने विभाग के प्रमुख सचिव को सरेंडर किए गए बजट का तिथिवार पूरा ब्यौरा मांगा है। जानकारी के मुताबिक, मंत्री प्रसाद के ओएसडी कुंवर अभय रंजन सिंह ने उनकी तरफ गुरूवार को पीडब्लयूडी के प्रमुख सचिव अजय चौहान को खत लिखा। जिसमें सरेंडर किए गए बजट का ब्यौरा देने के साथ-साथ इसके लिए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही का प्रस्ताव एक सप्ताह के अंदर देने का आदेश दिया गया है।

प्रमुख सचिव से पहले भी हो चुका है टकराव

मंत्री जितिन प्रसाद अपने विभागीय प्रमुख सचिव अजय चौहान की कार्य संस्कृति को लेकर पहले भी खुलेआम नाराजगी प्रकट कर चुके हैं। बीते साल अक्टूबर में उन्होंने एक खुला खत लिखकर प्रमुख सचिव अजय चौहान पर लापरवाही के कई आरोप लगाए थे। दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद 15 नवंबर तक यूपी की सड़कों को गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य रखा था। जिसके बाद पीडब्लयूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने अधिकारियों पर लगाम कसी और 15 नवंबर तक सभी की छुट्टियों पर रोक लगा दी थी, जिसे लेकर अधिकारियों से उनकी ठन गई थी।

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