रायबरेली: जेल से बाहर नहीं जाना चाहते कैदी, अंदर ही रहने के लिए लगाई अर्जी

रायबरेली जेल में बंद 2 कैदियों ने सरकार द्वारा पैरोल पर रिहा होने से इनकार कर दिया और अपनी सजा पूरी होने पर ही जिला जेल से रिहा होने का प्रार्थना पत्र दिया है।

Reporter :  Narendra Singh Rana
Published By :  Ashiki
Update: 2021-05-31 09:08 GMT

Rae Bareli District Jail (Photo-Social Media)

रायबरेली: करोना कॉल में जेलों से भीड़ कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को जेल में निरुद्ध अपराधियों को पेरोल पर छोड़ने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद रायबरेली के जिला जेल से 26 कैदियों को पेरोल पर छोड़ा गया, लेकिन रायबरेली जिला जेल में बंद 2 कैदियों ने सरकार द्वारा पैरोल पर रिहा होने से इनकार कर दिया और अपनी सजा पूरी होने पर ही जिला जेल से रिहा होने का प्रार्थना पत्र दिया है।

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभार वाले जिले रायबरेली के जिला जेल में दहेज अधिनियम के तहत दो कैदी अरुण कुमार और सुरेंद्र शुक्ल 7 साल की सजा काट रहे हैं। इन दोनों अपराधियों को शाशन ने कोरोना काल मे पेरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया, लेकिन इन दोनों अपराधियों ने पैरोल पर जेल से बाहर आने से मना कर दिया क्योंकि इनकी सजा जल्द ही पूरी होने वाली है। जिसके बाद ही वह जेल से रिहा होने चाहते हैं। अपने इस आशय से इन दोनों बन्दियों ने जेल प्रशासन को अवगत करा दिया है।

जेल अधीक्षक एस सत्य प्रकाश ने बताया कि जिला जेल में अरुण कुमार पुत्र स्वामी प्रसाद निवासी पूरे घासी जगतपुर पर दहेज अधिनियम के तहत क्राइम न 51/1988 दर्ज हुवा था जिसके बाद कोर्ट ने दहेज अधिनियम की धारा 498 A और 304 B के तहत 17 नवम्बर 2017 को सात साल की सजा सुनाई। अरुण कुमार अब तक 6 साल 10 महीने और 3 दिन की सजा काट चुके हैं केवल डेढ़ महीने की सजा बाकी है जबकि दूसरे जेल बन्दी सुरेन्द्र शुक्ला पुत्र राम नरेश शुक्ला, मलपुर बछरावां पर भी दहेज अधिनियम के तहत क्राइम नम्बर 56/ 1995 दर्ज किया गया और 6 जून 2018 को सजा सुनाई गई थी। सुरेन्द्र शुक्ला की सजा आगामी 1 जून को पूरी हो रही है। जिसके बाद वह जेल से हमेशा के लिए रिहा हो जाएगा। जिला जेल अधीक्षक ने बताया कि दोनों कैदी रिहा होने के दोबारा जेल नहीं आना चाहते हैं इसलिए अपनी सजा पूरी करने के बाद जेल से रिहा होने की बात का प्रार्थना पत्र दिया है।

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