रायबरेली: प्रदूषण के खतरे को देखते हुए डीएम ने जारी की एडवाइजरी

दीपावली का त्यौहार बीतने के बाद फैले प्रदूषण से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। हफ्ते भर बाद भी वातावरण में फैली धुंध के चलते लोगों को सूर्य देवता के दर्शन नहीं हो पा रहे है। 

Update: 2019-11-06 10:36 GMT

रायबरेली: दीपावली का त्यौहार बीतने के बाद फैले प्रदूषण से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। हफ्ते भर बाद भी वातावरण में फैली धुंध के चलते लोगों को सूर्य देवता के दर्शन नहीं हो पा रहे है।

वहीं बढ़ते प्रदूषण को लेकर डीएम ने एडवाइजरी जारी कर दी है। जिले में आड़ इवन प्रणाली लागू करने के दिये निर्देश दिए गये है। निर्माण कार्यों में खुदाई, डीजी सेट संचालन आदि पर लगाई रोक लगाने को कहा गया है।

रायबरेली में अभी तक पराली जलाये जाने का कोई भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन उसके बाद भी जिले की आबोहवा सेहत के लिए खतरनाक होती जा रही है।

जिले के हालत ऐसे हो रहे है कि अगर जल्द ही कोई उपाय नहीं किया गया तो लोगों का जहरीली हवा में साँस लेना और भी खतरनाक हो जाएगा।

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उधर रायबरेली कि नगरपालिका का कूड़ा निस्तारण केंद्र पिछले एक पखवाड़े से बंद चल रहा है। जिससे कूड़ा फेंकने वाले कर्मचारी कूड़े में आग लगाकर नागरिकों को जहरीली हवा लेने के लिए बाध्य कर रहे हैं।

रायबरेली जिला अस्पताल में बीते हफ्ते में लगातार सांस और आंख की बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रायबरेली के प्रमुख बाजार और कार्यालय में लोग धुंध और बदली से परेशान नजर आ रहे है।

रायबरेली जिला अस्पताल के डाक्टर की माने तो इस वक्त सांस और ह्रदय के मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है। उन्होंने लोगो से अपील किया है कि बच्चे और बुजुर्गों को ऐसे वातारण से बचा कर रखें। क्योंकि इसमें जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।

वही डा. आर के द्विवेदी का कहना है कि वातावरण में धुंधली और बदली के चलते आँखोंके मरीज बढे है। लोग चश्मा लगाकर चले, अपनी आँखों को पानी से कई बार धुले।

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