इस अस्पताल में राम भरोसे मरीजों की जान, 5 दिन में दो की मौत पर उठे सवाल

डीआर सर्जिकल हास्पिटल में एक 60 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गयी। परिजनों ने हास्पिटल के कर्मचारियों पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

Update:2020-02-07 19:46 IST

रायबरेली: डीआर सर्जिकल हास्पिटल में एक 60 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गयी। परिजनों ने हास्पिटल के कर्मचारियों पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

महापतगंज मजरे बावन बुजुर्ग बल्ला निवासी राम दुलारे डीआर सर्जिकल हास्पिटल से थोड़ी ही दूर पर चाय की दुकान करता था उसे अचानक पेट में तेज दर्द हुआ।

लोगों ने उसे डीआर सर्जिकल हास्पिटल पहुंचा जहां पर सुरेश यादव नाम के स्टाप ने इंजेक्शन लगा दिया और उससे उसकी हालत बिगड़ गयी। हालत नाजुक देख दुबारा इंजेक्शन लगा दिया गया। जिसके बाद उसके मुंह से झाक निकलने लगा और उसे सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। परिजन उसे अस्पताल ले ही जा रहे थे कि उसकी रास्ते में मौत हो गयी।

वृद्ध की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया जिसके बाद अस्पताल में उपस्थित कर्मचारी अस्पताल छोड़ भाग खड़े हुए। मामले की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी।

जिसके बाद परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने हास्पिटल संचालक राकेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेजा है। मुख्य चिकित्साधिकारी संजय कुमार शर्मा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जांच कमेटी गठित कर जांच कराये जाने की बात कही है।

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पांच माह पूर्व एक प्रसूता भी हुई लापरवाही का शिकार

बीते एक सितम्बर को बावन बुजुर्ग बल्ला निवासिनी नेहा पत्नी रामसमुझ की डिलवरी के बाद तबियत खराब होने पर रात भर में कई इंजेक्शन लगाने से उसकी मौत हो गयी थी। जिसके बाद मुकद्मा दर्ज कर डी आर सर्जिकल हास्पिटल को सीज किया गया था परन्तु कुछ दिन बाद ही उसे क्लीन चिट देकर फिर हास्पिटल खुलवा दिया गया।

पांच दिन पूर्व ही झोलाछाप के इलाज से मरीज की मौत

बीते 2 फरवरी को ही क्षेत्र के चन्दापुर में एक झोलाछाप डाक्टर के गलत इलाज के कारण सन्तोष कुमारी पत्नी पवन कुमार की मौत हो गयी जिसके बाद से ही मेडिकल स्टोर संचालक दुकान बन्द कर फरार हो गया। इस झोलाछाप के यहां भी पहले भी गलत इलाज के चलते कई जानें जा चुकी हैं।

चिकित्सा विभाग की कार्यवाही पर उठ रहे सवाल

गलत इलाज के कारण बार-बार मौत होने की घटनाएं होने के बावजूद चिकित्सा विभाग इन झोलाछापों पर अंकुश नही लगा पा रहा है। लोगों में आम चर्चा है कि हर मौत के बाद मुकद्मा दर्ज करने से लेकर कमेटी गठित कर जांच करायी जाती है।

उसके बाद भी इन झोलाछापों को क्लीन चिट देकर छोड़ दिया जाता है जिसके बाद फिर यह झोलाछाप मौत के सौदागर बन लोगो की जान से खिलवाड़ करने में जुट जाते हैं।

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