Raebareli News: पिता की मौत के बाद खुद चला रही बैटरी रिक्शा, कर रही परिवार का भरण पोषण

Raebareli News: ऐसी ही बानगी सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में दिखाई देती है। यहां एक लड़की बैटरी रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रही है।

Update: 2023-04-05 13:43 GMT
Raebareli woman drive battery rickshaw (photo: social media )

Raebareli News: अंतरिक्ष से लेकर जमीन तक हर जगह होनहार बेटियां पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। कई क्षेत्रों में तो वो पुरुषों से अच्छा करके भी दिखाती हैं। विश्व में कई ट्रेड आज वीमेन पॉवर की वजह से ही चल रहे हैं। लेकिन अगर बेटी ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हो, तो भी वो हर जिम्मेदारी को उठा सकती है। बस जरूरत है हौंसला मजबूत होने की। फिर क्या, समाज उसके साथ खुद चलने लगता है। ऐसी ही बानगी सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में दिखाई देती है। यहां एक लड़की बैटरी रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रही है।

सिर से उठा पिता का साया तो लिया फैसला

जनपद के शिवगढ़ विकास क्षेत्र स्थित पिंडौली गांव की रहने वाली विजयलक्ष्मी के सिर से पिता का साया उठा तो उन्होंने अपने पैरों पर खड़े होने की ठान ली। पिता की मौत के बाद मां किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर रही थी। घर की बड़ी बेटी होने के नाते यह सब देख विजयलक्ष्मी ने अपने परिवार को खुद चलाने की ठानी। समाज की परवाह किए बगैर उन्होंने ई रिक्शा चलाकर अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाना शुरू किया। परिवार चलाने के साथ ही वो अपनी दो बहनों की पढ़ाई का खर्च वहन कर रही हैं। विजयलक्ष्मी बताती हैं कि लोगों को बेटियों के प्रति अपनी सोच को बदलना होगा, क्योंकि आज बेटियां किसी से कम नहीं है।

शादी होने के बाद दहेज के लिए पति ने छोड़ा, रह रहीं मां के घर

पिंडौली गांव की बेटी विजयलक्ष्मी के पिता का लगभग आठ वर्ष पूर्व निधन हो गया था। जिसके बाद मां रामावती किसी तरह मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण कर रही थीं। पिता के निधन के बाद मां रामावती ने किसी तरह वर्ष 2019 में विजयलक्ष्मी का विवाह कर दिया। विवाह में दहेज न दे पाने के कारण उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया। जिसके बाद विजयलक्ष्मी अपने मायके आकर रहने लगीं और अपने मां के कार्य में हाथ बंटाने लगीं। विजयलक्ष्मी ने अपने मामा की मदद से एक ई रिक्शा खरीदा और उसे चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। वो अपनी दो बहनों की शादी और दो बहनों की पढ़ाई का खर्च भी उठा रही हैं। इस बेटी की मेहनत को लोग देख कर सलाम कर रहे हैं।

मोहनलालगंज तक ले जाती हैं सवारियां

विजयलक्ष्मी सेहंगो चौराहा से बछरावां कस्बा और फिर मोहनलालगंज तक सवारियां लेकर जाती हैं। बिना किसी परवाह के वह रिक्शा चलाते हुए लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती हैं। विजयलक्ष्मी ने बताया कि लोगों को अपनी सोच बदलना होगा। बेटियां आज किसी से कम नहीं है और कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। साथ ही उन्होंने कहा कि आज हमारे ही समाज से निकलकर हमारी कई बहने देश के शीर्ष पदों से लेकर सेनाओं में भी अपना अहम योगदान दे रही हैं।

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