Raebareli News: स्वतंत्रता के नायक राणा बेनी माधव बनेंगे रायबरेली की पहचान, अभी तक अपने ही जिले में गुमनाम से थे

Raebareli News: रायबरेली के ऐसे वीर सपूत को सदियों बाद अब जाकर पहचान मिली है। सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से आज़ादी के इस नायक से आने वाले समय में ज़िले की पहचान होगी।

Update:2023-08-27 19:40 IST
(Pic: Newstrack)

Raebareli News: आजादी के महानायक राणा बेनी माधव ने अंग्रेजों के खिलाफ 1857 की क्रांति के अवध क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था, अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। इसे गंभीर अनदेखी ही कहेंगे कि उनको रायबरेली में ही स्मारक के तौर पर पहचान नहीं सकी थी। हालांकि, अब रायबरेली की पहचान राणा बेनी माधव बख्श सिंह के तौर पर बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है।

सीएम योगी सरकार के प्रयासों से बढ़ेगी पहचान

रायबरेली के ऐसे वीर सपूत को सदियों बाद अब जाकर पहचान मिली है। सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से आज़ादी के इस नायक से आने वाले समय में ज़िले की पहचान होगी। शंकरपुर एस्टेट के शासक रहे राणा बेनी माधव बख्श सिंह अंग्रेजों के खिलाफ लखनऊ की रेजीडेंसी में अपनी सेना के साथ सीधे मोर्चा लेने वालों में शामिल रहे। राणा बेनी माधव बख्श सिंह अपने ही ज़िले में दशकों तक गुमनाम रहे। बाद में चंद नौजवानों और ज़िले के मानिंद लोगों ने राणा बेनी माधव बख्श सिंह स्मारक समिति बनाकर इस पर काम शुरू किया तो धीरे-धीरे यह जन अभियान बन गया।

बनाया जाएगा राणा बेनी माधव का स्मारक

पहले सदर तहसील के पास राणा बेनी माधव बख्श सिंह की प्रतिमा स्थापित हुई और अब इन्हीं के नाम पर स्मारक बनने का रास्ता साफ हो गया है। पिछले वर्ष राणा बेनी माधव बख्श सिंह की जयंती के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद यहां पहुंचकर वायदा किया था कि वह स्मारक बनवाने में भरपूर सहयोग करेंगे। नतीजे के तौर पर अगली जयंती से पहले लगभग पांच बीघा ज़मीन समिति को आवंटित की गई। जिसका तीन दिन पहले पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह भूमि पूजन किया है। इसके अलावा दो फेज में आडिटोरियम, ओपन थियेटर, कैफिटेरिया पुस्तकालय और प्राशसनिक भवन प्रस्तावित है। इसके लिए पैंतालीस करोड़ का बजट भी राज्य सरकार ने पर्यटन विभाग को आवंटित कर दिया है। तीन दिन पहले हुए सभागार की भूमि के भूमि पूजन को लेकर आज एक निजी होटल में समिति के अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद ज्ञापित किया है। वहीं अगर बात की जाए तो समिति के सदस्यों में तो सबसे ज्यादा प्रयास करने वाले उपमेंद्र सिंह द्वारा राणा बेनी माधव समिति बनाकर आज उनके नाम को आगे बढ़ाने का काम किया। 45 करोड़ की लागत से संस्कृति पर्यटन विभाग द्वारा स्मारक का कार्य कराया जाएगा।

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