Raebareli: ग्राम प्रधान पूनम सिंह बढ़ाया जिले का मान, गणतंत्र दिवस पर राजपथ आने का मिला निमंत्रण
Raebareli News: पूनम ने एमएनसी की नौकरी छोड़कर गांव की सेवा का रास्ता चुना। बता दें, पूनम सिंह मूलतः बलिया जिले की भरसौला हल्दी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की है।
Raebareli News: रायबरेली की अमावां ब्लॉक के आदर्श डिडौली ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान पूनम सिंह को इस बार राजपथ पर गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिला है। इससे जिले में खुशी की लहर है। पूनम सिंह की इस उपलब्धि पर गांव और जिले के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
पूनम का रहा है बेहतर काम, प्रदेश भर में हो चुका है नाम
आपको बता दें, पूनम सिंह ने शिक्षा, विकास और रोजगार से साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपनी धाक जमाई है। उनके इन कार्यों को लेकर उन्हें अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। ग्राम पंचायत के विकास को लेकर उनके पति राजकुमार सिंह भी उनका पूरा समर्थन करते हैं। पूनम सिंह ने अपनी काबिलियत को हर जगह साबित किया है, उन्हें जब से गांव के ग्राम प्रधान का पद मिला है तब से उन्होंने बड़ी ही शिद्दत से गांव के विकास को लेकर बेहतर करने के लिए ही सोच बनाई।
स्कूल में लगवाया एसी, रास्तों पर CCTV
उन्होंने बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर न जाना पड़े, इसके लिए गांव के सरकारी विद्यालय को एयर कंडीशनर (एसी) लगवा दिया। गांव की सुरक्षा को लेकर उन्होंने गांव के प्रमुख मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। जब उन्हें दिल्ली के राजपथ में गणतंत्र दिवस में शामिल होने का आमंत्रण मिला हैं तो गांव ही नही पूरे जनपद के लोगो में ख़ुशी है और लोग कह रहे है कि महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं।
डिजिटल इंडिया की मिसाल बना डिडौली गांव
डिडौली ग्राम पंचायत की प्रधान पूनम सिंह गांव के विकास को लेकर हमेशा चिंतित रहती हैं। नई योजनाओं पर काम करना उन्हें बेहद पसंद है। उनका इरादा रहता है कि गांव के लोगों को इधर-उधर भटकना न पड़े। इसके लियें उन्होंने गांव में फैक्ट्री, गौशाला व मनरेगा का जनपद में सबसे बड़ा पार्क बनवाया है। इतना ही नहीं उन्होंने गांव के हर जरूरमंद को सरकारी सुविधाओं को दिया है जो उसके पात्र है। साथ ही डिडौली ग्राम सभा को डिजिटल इंडिया की राह पर लेकर चल रही हैं। ग्राम सभा में जगह-जगह सीसी कैमरे लगवाए हैं। गौशाला में किसी तरह की गड़बड़ी ना हो सके, इसके लिए उन्होंने सीसीटीवी लगवाया।उनके इस प्रयास की हर तरफ प्रशंसा हो रही है।
पूनम MNC की नौकरी छोड़ बनीं प्रधान
पूनम ने एमएनसी की नौकरी छोड़कर गांव की सेवा का रास्ता चुना। बता दें, पूनम सिंह मूलतः बलिया जिले की भरसौला हल्दी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की है। पीजीडीसीए, एमबीए के बाद दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी में 8 साल नौकरी की है।
हर कदम पति का मिला साथ
दिल्ली में नौकरी के दौरान उनकी मुलाकात डिडौली ग्राम के रहने वाले राजकुमार से हुई थी। राजकुमार सिंह भी दिल्ली की मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात पूनम सिंह से हुई। इसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। 8 साल नौकरी करने के बाद जब पूनम को लगा कि गांव वापस जाकर के लोगों की सेवा करनी है, तो राजकुमार ने भी उनका बखूबी साथ दिया। उसके बाद से दोनों लोग गांव की सेवा में लगे हैं। पूनम सिंह प्रधान जरूर हैं लेकिन पति राजकुमार सिंह हर कदम पर इनका साथ देते हैं। पूनम सिंह का कहना है कि 'मुझे कभी भी नहीं लगा कि मैं अकेली हूं, क्योंकि मेरे पति राजकुमार सिंह हर कदम पर मेरे साथ रहते हैं।'