यूपी की इस सोना खदान में पड़ा छापा, माफियाओं में मच गई भगदड़

मुख्यालय के नजदीक के नदी किनारे भूरेड़ी में सोना नामक खदान में अवैध खनन और प्रतिबंधित मशीनों के इस्तेमाल की शिकायतें अरसे से हो रही थीं।

Update: 2020-06-16 10:15 GMT

बांदा: बालू माफियाओं की सोना खदान में प्रशासनिक हड़कंप मच गया। डीएम हरकत में आ ही गये माफियाओं की नींद हराम हो गई। दरअसल ग्रामीणों के विरोध और मीडिया मामला उछलने के बाद भी मंडल मुख्यालय से लगी भूरेड़ी गांव की सोना नामक बालू खदान की तरफ रुख न करने वाले प्रशासन ने आखिर इस खदान की खबर ली।

डीएम अमित सिंह बंसल ने खुद दोपहर को खदान का आकस्मिक निरीक्षण किया। लंबे समय से यहां चल रही अंधेरगर्दी पकड़ी। लगभग सौ ट्रक खदान में मिले। 17 प्रतिबंधित हैवी पोकलैंड मशीनें पाई गईं। नदी की जलधारा में ह्यूम पाइप डालकर रास्ता बनाते हुए पकड़ा। डीएम ने डिप्टी कलेक्टर और खनिज अधिकारी को अगली कार्रवाई के निर्देश दिए।

खदान पर डीएम का छापा

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मुख्यालय के नजदीक के नदी किनारे भूरेड़ी में सोना नामक खदान में अवैध खनन और प्रतिबंधित मशीनों के इस्तेमाल की शिकायतें अरसे से हो रही थीं। यह खदान रसूख वाले ठेकेदारों की बताई गई है। स्थानीय और बाहर से आने वाले जांच अधिकारी यहां जाने से परहेज करते रहे। सोमवार को दोपहर डीएम अमित सिंह बंसल खदान में पहुंच गए। उनके साथ एडीएम संतोष बहादुर सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र सिंह, डिप्टी कलेक्टर सौरभ शुक्ला और खनिज अधिकारी शैलेंद्र मौर्या भी थे।

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यहां बालू से भरे 39 ट्रक खड़े मिले। इनमें अधिकांश ओवरलोड थे। इसके अलावा सौ ट्रक बालू लोड करने के लिए खड़े पाए गए। खदान में 17 प्रतिबंधित पोकलैंड मशीनें खनन और लोडिंग कर रही थीं। एक मशीन खदान से कुछ दूर पकड़ी गई। धर्मकांटा आपरेटर के कमरे में ताला लगा मिला। ट्रकों की तौल नहीं की जा रही थी।

डीएम ने दिए जांच के निर्देश

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डीएम ने देखा कि नदी की तेज जलधारा को पाटा जा रहा है। 10 बड़े ह्यूम पाइप डालकर अवैध पुल और रास्ता बनाया जा रहा था। खदान का सीमांकन भी नहीं मिला। डीएम ने डिप्टी कलेक्टर सौरभ शुक्ला और खान निरीक्षक को निर्देश दिए कि भरे पाए गए सभी ट्रकों की जांच पड़ताल कर कार्रवाई की जाए।

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जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। हालांकि यह पता नहीं चला कि प्रतिबंधित 17 मशीनों पर क्या कार्रवाई हुई? डीएम ने निर्देश दिया कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग रोकने के लिए नियमित रूप से संबंधित विभाग प्रवर्तन कार्य करें।

बांदा से शरद मिश्रा की रिपोर्ट

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