पीयूष गोयल ने रेलकर्मियों की थपथपाई पीठ, सौंपा ये 'टास्क'

रेलमंत्री ने रेल कर्मचारियों को अगले वित्तीय वर्ष में कम से कम 500 से ज्यादा इलेक्ट्रिक इंजन बनाने का लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि अगर यही सोच देश के 13 लाख रेल कर्मचारियों के अंदर आ जाये तो आने वाले कुछ वर्षो में भारतीय रेल पूरे विश्व की नम्बर एक बनने से कोई नहीं रोक सकता।

Update: 2020-03-14 16:12 GMT

वाराणसी: केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने डीएलडब्ल्यू कर्मचारियों की पीठ थपथपाई। कर्मचारियों को नया टास्क सौंपते हुए 500 इलेक्ट्रिक इंजन बनाने का लक्ष्य रखा। इस दौरान उन्होंने डीरेका में बना 295 वां इलेक्ट्रिक इंजन राष्ट्र को समर्पित किया। डीएलडब्लू स्थित डीजल रेल इंजन कारखाना के वर्कशॉप में पहुँच कर रेल अधिकारियों संग बैठक कर कार्य क्षमता बढ़ाने की बात कही।

500 इलेक्ट्रिक इंजन बनाने का रखा लक्ष्य

रेलमंत्री ने रेल कर्मचारियों को अगले वित्तीय वर्ष में कम से कम 500 से ज्यादा इलेक्ट्रिक इंजन बनाने का लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि अगर यही सोच देश के 13 लाख रेल कर्मचारियों के अंदर आ जाये तो आने वाले कुछ वर्षो में भारतीय रेल पूरे विश्व की नम्बर एक बनने से कोई नहीं रोक सकता। इस वित्तीय वर्ष में डीरेका ने 300 इलेक्ट्रॉनिक इंजन का लक्ष्य दिया था जिसमे आज 295वां इंजन राष्ट्र को समर्पित किया गया था।

बाबा विश्वनाथ का किया दर्शन

इससे पहले रेलमंत्री ने पड़ाव में बने पंडित दिनदयाल स्मृति स्थल भ्रमण का निरीक्षण किया। इसके बाद रेलमंत्री एक दैनिक समाचार पत्र के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया। साथ ही विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य को भी देखा।

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