हॉकी खिलाड़ियों को स्टार बनाने वाले गुरु इमरान, बनने जा रही इन पर बायोपिक

दर्जनों नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी पैदा करने वाले गुरु इमरान पर राजेश बेरी बायोपिक बनाएंगे। गोरखपुर के फर्टिलाइजर मैदान पर दर्जनों स्टार पैदा करने वाले गुरु इमरान को 70 एमएम पर्दे पर लाएंगे।

Update: 2020-12-27 13:41 GMT
पढ़ाई के दौरान इन्‍होंने झांसी के गड्ढे वाले मैदान पर हॉकी की बारीकियां सीखीं। हॉकी की बदौलत ही 70 के दशक में मेजर ध्‍यानचंद और केडी सिंह के करीब रहे।

गोरखपुर। हॉकी लीजेंड ध्यानचंद के हॉकी का ककहरा सीखने वाले और दर्जनों नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी पैदा करने वाले गुरु इमरान पर राजेश बेरी बायोपिक बनाएंगे। गोरखपुर के फर्टिलाइजर मैदान पर दर्जनों स्टार पैदा करने वाले गुरु इमरान को 70 एमएम पर्दे पर लाएंगे। हॉकी खिलाड़ी निधि खुल्लर, संजू ओझा, सीता पाण्डेय, रजनी चौधरी, प्रवीण शर्मा, जर्नादन गुप्ता, सनवर अली और प्रतीभा चौधरी सरीखे दर्जनों खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है।

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हॉकी खेलने का शौक बचपन से

टीवी सीरियल भाभी की चार हजार कड़ियां लिख कर लिम्का बुक आफ रिकार्ड में बना और सरबजीत पर बायोपिक बनाने वाले राजेश बेरी किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वह अपनी टीम के साथ गोरखपुर की गलियों में गुजरे दिनों की यादों को लिपिबद्ध कर रहे हैं। इमरान को हॉकी खेलने का शौक बचपन से ही था।

पढ़ाई के दौरान इन्‍होंने झांसी के गड्ढे वाले मैदान पर हॉकी की बारीकियां सीखीं। हॉकी की बदौलत ही 70 के दशक में मेजर ध्‍यानचंद और केडी सिंह के करीब रहे। उन्हें गोरखपुर यूनिवर्सिटी से इन्‍हें गुरुश्री का अवॉर्ड, राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड, ‘द रीयल हीरो ऑफ सोसायटी’ और ‘मेधावीर अर्जुन’ सम्मान मिला।

बायोपिक से उत्साहित मोहम्मद इमरान चचा कहते हैं कि,‘इस कदम से हॉकी के गौरवशाली अतीत के प्रति एक बार देश और दुनिया का ध्यान लौटेगा।

उनकी पीड़ा और चिंता अब मेरी चिंता

फोटो-सोशल मीडिया

हॉकी की जड़ों की ओर बड़े लोगों का ध्यान जाएगा, जहां जाना जरूरी है।’वहीं फिल्मकार राजेश बेरी ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में गोरखपुर आकर इमरान से मिल और रिसर्च कर रहे हैं।

अब बच्चों के इमरान चचा मेरे भाई जैसे हैं। हॉकी को लेकर उनकी पीड़ा और चिंता अब मेरी चिंता है। एक छोटे से शहर से छोटे-छोटे गांव और कस्बों की बेटियों को प्रशिक्षण देकर उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय स्तर तक तमाम बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पहुंचाया, अब एस्ट्रोटर्फ के दौर में वह क्रांति हम नहीं कर पा रहे।

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ऐसे अनजाने हीरो और उसकी कहानी को देश और दुनिया के सामने लाने के लिए फिल्मों से बेहतर कोई जरिया नहीं है। हॉकी गुरु इमरान तक राजेश बेरी को पहुंचाने का माध्यम फिल्म प्रोड्यूशर आकाश पाण्डेय बने। आकाश फर्टीलाइजर में ही निवास करते हैं। उन्होंने राजेश बेरी को इमरान चचा के बारे में बताया और दोनों की मुलाकात कराई।

जौनपुर के रहने वाले हैं इमरान

66 साल के इमरान मूलरूप से जौनपुर जिले के अबीरगढ़ टोला थाना कोतवाली जौनपुर के निवासी हैं। 1973 में रोजी-रोटी की तलाश में वे गोरखपुर आए और खेल कोटे से खाद कारखाने में नौकरी करने लगे। खाद कारखाने को अपनी कर्मभूमि बना उन्होंने हॉकी की ट्रेनिंग देना भी जारी रखा।

31 दिसंबर 2002 में खाद कारखाना अचानक बंद हुआ, नौकरी चली गई। परिवार चलाने के लिए खिलाड़ियों के लिए लोअर बनाने का कारखाना शुरू किया, लेकिन बाजार के मुकाबले हार गए। पेंशन से गुजारा मुश्किल था लिहाजा घर-घर जाकर स्‍पोर्ट्स किट बेचने लगे। फिलहाल आज उनके बेटे ने मोहम्मद आमिर ने परिवार संभाल रखा है।

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फेरी लगाकर स्‍पोर्ट्स किट बेचने को लेकर सुर्खियों में आए थे इमरान

देश को 8 इंटरनेशनल और 50 नेशनल हॉकी खिलाड़ी देने वाले मोहम्मद इमरान वर्तमान में गुमनाम हैं। फर्टीलाइजर मस्जिद कम्पाउंड में 1500 रुपये के भाड़े पर 600 वर्ग फीट के पुराने मकान में पिछले 2008 से किराए पर हैं। इमरान अपनी पत्नी यासमीन जहां, पुत्र मोहम्मद आमिर और विवाहित बेटी उज्ज्मा खान के साथ निवास करते हैं।

बेटी की शादी के लिए फेरी लगाकर स्‍पोर्ट्स किट बेचने को मजबूर इमरान 2016 में मीडिया की सुर्खिया बने तो 2016 में इमरान रोहतक के मदीना निवासी इंटरनेशनल रेसलर संग्राम सिंह ने शादी के खर्च उठाने की घोषणा की। यह खबर भी सुर्खिया बनी लेकिन इमरान की खुद्दारी ऐसी थी कि कभी मदद लेने नहीं गए।

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रिपोर्ट- गोरखपुर से पूर्णिमा श्रीवास्तव

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