Rajya Sabha Election: राज्यसभा चुनाव में सतीश चन्द्र मिश्र को नुकसान, सुखराम को मिलेगा लाभ
Rajya Sabha Election: 11 सीटों के चुनाव में बसपा और कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने जा रहा है।
Rajya Sabha Election: राज्य सभा के यूपी कोटे की रिक्त हो रही 11 सीटों के चुनाव में बसपा और कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने जा रहा है। राज्यसभा की चार जुलाई को रिक्त हो रही इन सीटों पर सीधी टक्कर भाजपा और सपा की होनी है। संभावना इस बात की है कि यह चुनाव निर्विरोध करा लिया जाएगा।
इससे पहले इन सीटों पर साल 2016 में चुनाव हुआ था तब प्रदेश मे अखिलेश यादव की सरकार थी और इन सीटों में उन्हें सात सीटों पर विजय हासिल हुई थी। अब इस बार भाजपा और सहयोगी दलों के पास 273 सदस्यों की ताकत को देखते हुए उसे 8 सीटों का लाभ मिलने के पूरे आसार हैं। वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को तीन सीटों का लाभ मिलेगा।
सुखराम सिंह यादव भी भाजपा के पाले में आने को बेताब
बतातें चलें कि इन सीटों के लिए विधानसभा की संख्या को देखते हुए एक प्रत्याशी को राज्यसभा पहुंचने के लिए 37 वोटों की जरूरत होती है। रिक्त हो रही इन सीटों में फिलहाल पांच सदस्य शिवप्रताप शुक्ला, सुरेन्द्र सिंह नागर, जयप्रकाश निषाद, सैयद जफर इस्लाम और संजय सेठ भाजपा की तरफ से सदस्य हैं। समाजवादी पार्टी के विशम्भर प्रसाद निषाद, चौ. सुखराम सिंह यादव, कुंवर रेवती रमण सिंह तथा बसपा के सतीश चन्द्र मिश्र और अशोक सिद्धार्थ के साथ ही कांग्रेस से एक मात्र कपिल सिब्बल राज्यसभा से रिटायर होने जा रहे सदस्यों में शामिल हैं।
भाजपा खेमे में शामिल संजय सेठ और सुरेन्द्र सिंह नागर यूं तो सपा से ही साल 2016 में राज्यसभा के लिए चुने गये थे। मगर बाद में इन सदस्यों ने राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं इस बार समाजवादी पार्टी के सदस्य सुखराम सिंह यादव भी भाजपा के पाले में आने को बेताब है। वह पिछले दिनों दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल चुके है। इसके पहले उनका बेटा भाजपा में शामिल हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी भी सुखराम सिंह यादव के सहारे कुछ सपा विधायकों को अपने पाले में कर सकती हैं
इसी तरह सपा के ही सदस्य रहे अमर सिंह और बेनी प्रसाद वर्मा के निधन के कारण रिक्त हुई सीटें भी भाजपा ने उपचुनाव में जीती थीं। अब देखना यह है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने सहयोगी दलों को कितना संतुष्ट कर पाते हैं।
उधर, विधानसभा चुनाव में बसपा मात्र एक सीट पर सिमट चुकी है। वहीं कांग्रेस के भी सिर्फ दो ही विधायक जीते हैं। ऐसे में राज्यसभा चुनाव में बसपा और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सकेगा। दोनों ही पार्टियां राज्यसभा के इस चुनाव में शून्य पर खड़़ी होंगी।