इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व राज्यसभा सांसद नरेंद्र कश्यप व उनकी पत्नी देवेंद्री कश्यप की दहेज हत्या मामले में जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति विजयलक्ष्मी ने पूर्व सांसद व उनकी की अपील में दाखिल जमानत अर्जी पर अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व सरकारी वकील को सुनकर दिया।
पूर्व सांसद व उनकी पत्नी ने गाजियाबाद सेशन कोर्ट से मिली आईपीसी की धारा- 306 के तहत सजा के आदेश के खिलाफ यहां अपील दाखिल की थी। एडवोकेट अनूप त्रिवेदी ने बहस में कहा कि पूर्व सांसद व उनकी पत्नी के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। उन्हें मात्र संभावना के आधार पर सजा सुनाई गई है। साथ ही सेशन कोर्ट में किसी भी गवाह ने अभियोजन की कहानी का समर्थन नहीं किया है। यह भी कहा, कि यदि उन्हें जमानत पर रिहा किया जाता है तो वे उसका दुरुपयोग नहीं करेंगे।
क्या था मामला?
पूर्व सांसद नरेंद्र कश्यप व उनकी पत्नी के खिलाफ बहू की दहेज प्रताड़ना व हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। सेशन कोर्ट ने ट्रायल के बाद उन्हें दहेज प्रताड़ना व हत्या के आरोप से बरी कर दिया लेकिन आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध की सजा सुनाई। हाईकोर्ट ने उनकी अपील विचारार्थ स्वीकार करते हुए जुर्माने की आधी रकम अधीनस्थ अदालत में जमा करने की शर्त पर सजा को स्थगित कर दिया।