Baghpat News: राकेश टिकैत का बड़ा बयान-बोले मतगणना स्थल पर ट्रैक्टर लेकर डेरा डाले जनता

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने मतगणना से पहले बड़ा बयान दिया है। टिकैत ने जनता से मतगणना स्थल पर जनता से डेरा डालने का आग्रह किया।

Newstrack :  Network
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-03-02 17:32 IST

राकेश टिकैत 

Baghpat News: बागपत में मतगणना से ठीक पहले भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के ऐलान ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। बागपत के बडौत में पहुँचे भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आगामी 9 मार्च को मतगणना स्थल पर ट्रेक्टर लेकर डेरा डालने का जनता से आह्वाहन किया है। उन्होंने कहा है कि रात्रि का इंतज़ाम अपने कपड़े बिस्तर लेकर लोग पहले ही दिन मतगणना स्थल पर पहुँच जाए।

क्योंकि 10 तारीख को तो उन्हें वहां तक जाने भी नही दिया जाएगा। उन्होंने आशंका जताई है कि मतगणना में गड़बड़ी की जा सकती है । उन्होंने कहा कि देश को एक बड़े आंदोलन की आवश्यकता है जिससे बदलाव जरूर आएगा ओर यूक्रेन रूस युद्ध मामले पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार युद्ध मे भी वोट तलाश रही है, जिसका नाम ऑपरेशन गंगा दिया गया है।

बागपत के बडौत में पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार यूक्रेन में युद्ध में से भी वोट तलाश कर रही है। वहां फोटो सेशन चल रह है जो सरकार के पक्ष में बोलता है सिर्फ उस छात्र को दिखाया जाता है। यही नही किसान आंदोलन पर कहा कि अगर सरकार किसी पार्टी की होती तो बात अवश्य करती क्यों देश कोरिया की ओर बढ़ रहा है। क्या दुनिया का किंगजोंग भारत में पैदा होगा। ये सब देश को नहीं चाहिए।

राकेश टिकैत (फोटो:सोशल मीडिया)

"किसानों की फसलें भी डिजिटल इंडिया कैंपेन से जोड़ दी जाए तो हमारा गन्ने का भुगतान भी हो जाए जिस बेल्ट में है एक साल से गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है कई ऐसी शुगर फैक्ट्रियां होगी, लेकिन चुनाव के दौरान भुगतान 10 दिन में या 15 दिन में भी हुआ है मेरा मतलब यह है कि सरकार जब चाहे भुगतान करवा सकती है। यदि चुनाव हर साल हो जाएंगे तो गन्ने का भुगतान भी हर साल हो सकता है। देश में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है उससे कुछ बदलाव हो सकता है।

दिल्ली में मुकदमे वापसी पर बोले कि हां बताया है कि कुछ मुकदमे वापस हुए है और कुछ मुकदमे छोड़े दिए है उनकी डिटेल मंगवाई है। अगर कोई हेलियस क्राइम में या कत्ल का होगा तो हम उसका स्पष्टीकरण देंगे यदि कोई कोर्ट में है तो कोर्ट का फैसला होगा। इस समझौते में था कि जब समझौता होता है तो सारी चीजें खत्म हो जाती है इसी में हमारे 5000 से ट्रैक्टर तोड़े गए हैं समझौता हुआ था। यूक्रेन युद्ध पर कहा कि यूक्रेन में जो सरकार वोट तलाश रही है।

भारत सरकार छात्रों में वोट तलाश कर रही है कि वहां से जितने आएंगे उनके बयानबाजी करा रही है। जो सरकार के पक्ष में देते हैं वे दिखा रहे हैं और असलियत बता रहे हैं उसे नहीं दिखा रहे हैं क्या यह समय भी छात्रों से पैसा कमाने का है। पौलेंड का बार्डर दो दिन पहले खोला है। वहां से बहुत वीडियो आ रहे है क्या भारत सरकार के लिए चुनाव पहले थे भारत के बच्चे प्यारे नहीं थे।

पहले वहां पर फोटो सेशन चला है। युद्ध में से वोट तलाश रहे हैं। यह भी कहा कि नौ फरवरी को मतगणना स्थल के आसपास ट्रैक्टर लेकर पहुंच जाना। जो जिला पंचायत में किया है उसे नरंदाज नहीं किया जा सकता है। 13 माह का आंदोलन चला है। 22 जनवरी 21 को भारत सरकार से आखिरी बातचीत हुई है उसके बाद बात नहीं हुई। समझौता लिखित में हुआ है।

आदमी कोई नहीं मिली। क्या देश तानाशाही सरकार चाहिए। सरकार तो पहले भी होती है वे मिलती थी। बात करती थी अगर सरकार किसी पार्टी की होती तो वह अवश्य बातचीत करती। क्या देश कोरिया की ओर बढ़ रहा है। क्या दुनिया का किंग जोंग भारत में पैदा होगा। ये देश की जनता को नहीं चाहिए।'

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