Bharat Jodo Yatra: भाकियू कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए स्वतंत्र, लेकिन टिकैत नहीं लेंगे हिस्सा

Bharat Jodo Yatra: राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा गैर-राजनीतिक संगठन है। और हमारी पार्टी में हर विचारधारा के आदमी हैं।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2023-01-02 11:19 GMT

Rakesh Tikait  (photo: social media )

Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की चर्चाओं के बीच आज भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि वें भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। अलबत्ता जो भाकियू कार्यकर्ता पदयात्रा में शामिल होना चाहता है वो हमारी तरफ से स्वतंत्र है। हम किसी को नहीं रोक रहे हैं। जब चुनाव होता है तो हर आदमी को अपना वोट किसी को भी देने का अधिकार है। लेकिन, इतना जरुर है कि भाकियू में जिलाध्यक्ष से ऊपर का कोई भी पदाधिकारी यात्रा में शामिल नहीं होगा।

न्यूजट्रैक से आज दूरभाष पर बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा गैर-राजनीतिक संगठन है। और हमारी पार्टी में हर विचारधारा के आदमी हैं। हम नहीं जा रहे उसमें लेकिन कोई ऐसा आदमी भी हो सकता है जो कि किसान संगठन में भी हो और यात्रा में भी जाता हो। ऐसा तो नहीं है कि यहां पर सब लोग बीजेपी के हैं। लोकदल के हैं या समाजवादी पार्टी के हैं। हमारा आंदोलन है सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ। वों (कांग्रेस) भी सरकार में शामिल हैं। उनकी भी कई स्टेट में सरकार है। छत्तीसगढ़ में हमारा उनके खिलाफ आंदोलन चल रहा है।

कांग्रेस के आ रहे न्यौते

आपको यात्रा का बुलावा आया है। इस सवाल पर राकेश टिकैत कहते है, हां,न्यौते तो आ रहे हैं उनके(कांग्रेस)। इनकी क्या एग्रीकल्चर नीति है। इसको लेकर वें बात करना चाहते हैं। तो हम नौ जनवरी को इनसे बात करेंगे हरियाणा में। यात्रा कांग्रेस की है और बात करेंगे हम जहां कांग्रेस की सरकार है उसपे। यहां बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही 'भारत जोड़ो यात्रा' तीन जनवरी में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी।

पार्टी यात्रा के माध्यम से कांग्रेस किसानों को जोड़ने की पूरी प्लानिंग कर रही है। इसके लिए भाकियू समेत तमाम किसान संगठनों को निमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस नेताओं की तरफ से किसबताया कि राहुल गांधी ने न केवल इस सरकार में बल्कि अपनी सरकार के समय में भी किसानों के मुद्दे को हमेशा आगे रखा है। जिस तरह से भट्टा पारसौल में राहुल गांधी ने भूमि अधिग्रहण बिल का मामला उठाकर किसानों के मुद्दे को देश के सामने रखा था। जिसके बाद पार्टी को किसानों के हक में निर्णय लेना पड़ा था। आज भी वह "भारत जोड़ो यात्रा" के माध्यम से किसानों का हर मुद्दा उठा रहे हैं।

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