दिखेगा भव्य राम मंदिर: अयोध्या में तेजी से काम शुरू, जल्द खुदेगी नींव
भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में जल्द ही भव्य राम मंदिर की नींव निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। राम मंदिर निर्माण समिति ने नींव रखने का कार्य 15 दिसंबर के बाद शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा 15 जनवरी के बाद पूरी अयोध्या को राममय बनाने का काम और तेज किया जाएगा।
लखनऊ: भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में जल्द ही भव्य राम मंदिर की नींव निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। राम मंदिर निर्माण समिति ने नींव रखने का कार्य 15 दिसंबर के बाद शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा 15 जनवरी के बाद पूरी अयोध्या को राममय बनाने का काम और तेज किया जाएगा।
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सात टेस्ट पाइलिंग का निर्माण हुआ पूरा
अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की परियोजना से आईआईटी चेन्नई और एलएंडटी के करीब दो सौ विशेषज्ञ जुड़े हुए हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और राम मंदिर निर्माण समिति, राम जन्मभूमि परिसर को वैदिक सिटी के रूप में विकसित करने की तैयारी में है। राममंदिर निर्माण से जुडे़ विषेषज्ञों का कहना है कि राम मंदिर सौ मीटर गहरी और और एक मीटर व्यास की 1200 पाइलिंग पर टिका होगा। पाइलिंग निर्माण से पूर्व 12 टेस्ट पाइलिंग का निर्माण कराया जा रहा है। सात टेस्ट पाइलिंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पूर्व ही प्रस्तावित 128 फीट ऊंचे, 268 फीट लंबे और 140 फीट चैड़े मंदिर निर्माण के हिसाब से आधे से अधिक पत्थरों की तराशी हो गई थी। मंदिर में पौने दो लाख घन फीट पत्थर प्रयुक्त होना था और करीब एक लाख घन फीट शिलाओं की तराशी हो चुकी थी।
...1,900 एकड़ क्षेत्र में की जाएगी विकसित
बताया जा रहा है कि करीब दो तिहाई शिलाओं की तराशी हो चुकी थी पर बाद में जब मंदिर का डिजायन बदला गया तो फिर पत्थरों की तराशी का काम ओर बढाया गया। भगवान राम की जलसमाधि वाले स्थान सरयू के गुप्तारघाट से रामजन्मभूमि तक इक्ष्वाकुपुरी परियोजना 1,900 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जाएगी।
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इसके अलावा अयोध्या से बलरामपुर राजमार्ग को विकसित किया जाएगा. इक्ष्वाकुपुरी में योगी सरकार भजन संध्या स्थल, दशरथ महल, सत्संग भवन, यात्री सहायता केंद्र, रैन बसेरा, रामकथा पार्क का विस्तारीकरण और क्वीन हो मेमोरियल पार्क निर्माण करने जा रही है।
अयोध्या और गोंडा को मिलाते हुए 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का विकास किया जाएगा, जिसके जरिये पर्यटकों का नेपाल सीमा से सटे वन्य जीव विहारों के साथ शक्तिपीठ देवीपाटन तक पहुंचना आसान होगा. अयोध्या में इक्ष्वाकुपुरी को दो भागों में बांटा जाएगा।
श्रीधर अग्निहोत्री