कन्यापूजन: गौमाता की पूजा कर उपवास तोड़ा

तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस की महामारी के बीच अबकी चैत्र नवरात्र में कन्या भोज नहीं हो सका। परिवार की जो एक-दो कन्याएं मिलीं उन्हीं को भोज कराया गया। वहीँ ज्यादातर लोगों ने गाय को...

Update:2020-04-02 20:03 IST

कन्नौज: तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस की महामारी के बीच अबकी चैत्र नवरात्र में कन्या भोज नहीं हो सका। परिवार की जो एक-दो कन्याएं मिलीं उन्हीं को भोज कराया गया। वहीँ ज्यादातर लोगों ने गाय को प्रसाद खिलाकर नवरात्रि का व्रत समाप्त किया। हिंदू धर्म की मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है।

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नवमी के दिन लगभग सभी घरों में कन्या भोज कराया जाता है। एक घर से दूसरे घर और मोहल्लों में तड़के ही कन्याओं को लेने के लिए मां के भक्त पहुंचते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। लॉकडाउन व महामारी के चलते लोग दूसरे के घरों में नहीं गए। परिवार में या किराएदार के यहां जो भी बच्चे मिल गए, उनको प्रसाद वितरण किया।

नौ दिनों का उपवास रखने वाली शिक्षिका स्नेहलता द्विवेदी ने बताया कि ऐसे में कोई भी अपने बच्चों को दूसरे के घरों में नहीं भेजना चाहते हैं। यह अच्छा भी है, क्योंकि इन दिनों संक्रमण का दौर है। सावधानी रखी जानी चाहिए। गुरुवार को किराएदार की दो पुत्रियों को भोज करा दिया। शहर के मोहल्ला अनन्दीदास निवासी सोना मिश्रा ने बताया कि नौ कन्याओं के लिए मातारानी का घर में ही भोग लगा दिया। कहीं-कहीं ग्रामीण इलाकों में जरूर कन्या भोज में गिनती पूरी हो गई। तिर्वा कस्बे की पार्वती बाथम ने बताया कि घर पर ही साधारण तरीके से देवी की पूजा-अर्चना कर दी।

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...ऐसे मनाया रामजन्मोत्सव

चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि को श्रीराम जन्मोत्सव भी मनाया गया। पुरुषोत्तम राम से कोरोना वायरस से निजात दिलाने की अरदास भी लगाई है। शहर के मोहल्ला बड़ा बाजार स्थित श्रीरामजानकी मंदिर में आचार्य गोपाली मिश्र ने सोशल डिस्टेंस का पालन कराते हुए तीन-चार भक्तों के साथ पूजा-अर्चना की। विधि-विधान से हवन-पूजन हुआ और महामारी से जीतने की विनती की गई। आचार्य ने पुरुषोत्तम राम के जीवन को भी बताया। कठिन संघर्ष के दौर में भी हिम्मत न होने को इन दिनों हर इंसान को अपने जीवन में उतारने को कहा। उन्होंने कहा कि जब भगवान को कष्ट मिल सकते हैं तो हम लोग इंसान ही हैं। इससे मनुष्य को हारना नहीं चाहिए।

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