राम सिंह की विधानसभा सदस्यता बरकरार, HC के फैसले पर राय लेगी सरकार
विधानसभा सचिवालय के अन्य अधिकारियों का भी कहना है कि अभी तक राम सिंह की सदस्यता समाप्त करने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। राम सिंह सपा के उम्मीदवार के रूप में प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। अब हाईकोर्ट ने उनकी सदस्यता को null & void घोषित कर दिया है। उनके निर्वाचन के खिलाफ याचिका करने वाले पट्टी से ही भाजपा प्रत्याशी रहे मोती सिंह उनसे विधायक के तौर पर दी गई सुविधाओं की वसूली की बात कर रहे हैं।
लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के बाद भी सपा एमएलए राम सिंह की विधानसभा सदस्यता बरकरार है। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां से कुछ नही हुआ और वह अभी छुट्टी पर हैं। मंगलवार को इस बारे में बताएंगे।
सदस्यता समाप्त नहीं
-विधानसभा सचिवालय के अन्य अधिकारियों का भी कहना है कि अभी तक राम सिंह की सदस्यता समाप्त करने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।
-राम सिंह सपा के उम्मीदवार के रूप में प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे।
-अब हाईकोर्ट ने उनकी सदस्यता को null & void घोषित कर दिया है।
-उनके निर्वाचन के खिलाफ याचिका करने वाले पट्टी से ही भाजपा प्रत्याशी रहे मोती सिंह का कहना है कि जब उनकी सदस्यता ही null घोषित कर दी गई है। तो उनसे विधायक के तौर पर दी गई सुविधाओं की भी वसूली की जाएगी।
20 लाख से ज्यादा का प्राप्त किया लाभ
-जानकारों के मुताबिक पिछले 4.5 वर्षों में एक विधायक के तौर पर उन्हें 20 लाख से ज्यादा का लाभ प्राप्त हुआ है।
-हाईकोर्ट के आदेश के बाद से ही सवाल उठ रहा है कि क्या उनसे इसकी वसूली होगी?
कानूनी राय के बाद होगा फैसला
-सरकारी सूत्रों का साफ कहना है कि फैसले की प्रति पर कानूनी राय ली जाएगी। इसके बाद ही आगे कोई फैसला होगा।
-यह भी कहा जा रहा है कि कोर्ट के आदेश में कहीं भी रिकवरी करने के लिए नहीं कहा गया है।
सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे राम सिंह
-पट्टी विधान सभा क्षेत्र से सपा के विधायक राम सिंह के समर्थकों का कहना है कि फैसले की लिखित कापी मिलने के बाद जो भी जरूरी कदम होंगे, उठाये जाएंगे। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की जाएगी।
क्या है मामला ?
-राम सिंह सपा के उम्मीदवार के रूप में प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा से चुनाव जीते थे।
-उनके निर्वाचन के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी रहे मोती सिंह ने याचिका दाखिल की थी।
-मोती सिंह ने इस चुनाव में जिला प्रशासन पर धांधली का आरोप लगाया था।
-उनका आरोप था कि उनके 955 वोटों को गलत तरीके से कैंसिल कर दिया गया था।
-मोती सिंह पट्टी से लगातार तीन बार विधायक रहे थे।
-हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में तत्कालीन एसडीएम शारदा प्रसाद यादव को दोषी माना।
-तत्कालीन डीएम और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया।