राम मंदिर का बदला नक्शाः अब होंगे ये बदलाव, कितना बदल जाएगा मूल स्वरूप

मंदिर की ऊंचाई 161 फुट किए जाने के बाद एक मंजिल और बढ़ाने का फैसला किया गया है। राम मंदिर समेत देश के कई प्रसिद्ध तीर्थों का नक्शा तैयार करने वाले प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि मंदिर के शिखर की ऊंचाई बढ़ाने और गुंबदों की संख्या 3 से 5 किए जाने के बाद एक मंजिल और बढ़ाना आवश्यक हो गया था।

Update:2020-07-19 11:52 IST

अंशुमान तिवारी

अयोध्या। श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के बाद साफ हो गया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम अगस्त में शुरू हो सकता है। ट्रस्ट 3 या 5 अगस्त को शुभ मुहूर्त में भूमि पूजन कराना चाहता है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलावा भेज दिया गया है। जानकारों के मुताबिक जल्द ही पीएमओ की तरफ से तारीख तय कर दी जाएगी। ट्रस्ट की अयोध्या में चली करीब सवा दो घंटे की बैठक में फैसला लिया गया कि राम मंदिर के नक्शे में मौलिक रूप से कोई बदलाव नहीं किया जाएगा मगर इसे भव्य रूप देने के लिए कुछ बदलाव जरूर किए जाएंगे।

जल्द ही लगेगी अंतिम तिथि पर मुहर

श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों के मुताबिक अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करोड़ों राम भक्तों की आस्था के अनुरूप किया जाएगा और इसके भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या आना निश्चित है, लेकिन अभी अंतिम तिथि तय नहीं हुई है। उम्मीद है कि पीएम को भेजी गई तिथियों में से किसी एक तिथि पर जल्द ही मुहर लग जाएगी।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि देश काल की परिस्थितियों को देखते हुए भूमि पूजन की तिथि का अंतिम फैसला पीएमओ पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम के आगमन पर सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों के लिए प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को कम से कम 15 दिन के समय की जरूरत है। पीएमओ की ओर से 15 दिन पूर्व कार्यक्रम पर मुहर लगए जाने की संभावना है।

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अब 161 फुट होगी शिखर की ऊंचाई

बैठक के बाद ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर के नक्शे में मौलिक रूप से कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया है मगर इसे विस्तार जरूर दिया जाएगा। मंदिर के शिखर की ऊंचाई बढ़ाकर अब 128 फुट के बजाय 161 फुट की जाएगी। मंदिर के उत्तर और दक्षिणी हिस्से का विस्तार करने का भी फैसला लिया गया है। इस कारण शिखर की संख्या तीन से बढ़ाकर अब पांच हो जाएगी।

अब तीन मंजिला बनेगा भव्य राम मंदिर

ट्रस्ट के सूत्रों ने बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर अब दो के बजाय तीन मंजिल का बनेगा। मंदिर की ऊंचाई 161 फुट किए जाने के बाद एक मंजिल और बढ़ाने का फैसला किया गया है। राम मंदिर समेत देश के कई प्रसिद्ध तीर्थों का नक्शा तैयार करने वाले प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि मंदिर के शिखर की ऊंचाई बढ़ाने और गुंबदों की संख्या 3 से 5 किए जाने के बाद एक मंजिल और बढ़ाना आवश्यक हो गया था। उन्होंने कहा कि पहले मंदिर की ऊंचाई 128 फुट प्रस्तावित थी।

उन्होंने कहा कि गुम्बदों के अलावा मंदिर के मुख्य परिसर का क्षेत्रफल भी थोड़ा और बढ़ाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि संतों और ट्रस्ट के सदस्यों की इच्छा के अनुसार यह बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि मंदिर के प्रस्तावित तीन मंजिलों के आधार पर फाइनल नक्शा जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा।

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मंदिर परिसर का दायरा बढ़ेगा

पहले के नक्शे नागर शैली के मंदिर परिसर दायरा करीब 67 एकड़ में प्रस्तावित किया गया था मगर अब नए डिज़ाइन और ऊंचाई को देखते हुए मंदिर परिसर का दायरा 100 से 120 एकड़ तक हो सकता है। सोमपुरा ने साफ किया है कि गर्भगृह, आरती स्थल और रंग मंडपम आदि की संरचनामें कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले बनाए गए नक्शे के हिसाब से ही इसका निर्माण किया जाएगा।

100 करोड़ की लागत की संभावना

सोमपुरा का कहना है कि मंदिर के मौजूदा डिजाइन के हिसाब से इसके निर्माण पर करीब 100 करोड रुपए की लागत आएगी। अगर डिजाइन में और बदलाव होता है तो निर्माण लागत और बढ़ जाएगी। इसके साथ ही लागत इस बात पर भी निर्भर करेगी कि मंदिर को किस समय सीमा में पूरा करना है।

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गिराए जाएंगे 12 जर्जर भवन

ट्रस्ट की बैठक में यह भी महत्वपूर्ण फैसला किया गया कि श्री राम जन्मभूमि परिसर में स्थित 12 जर्जर भवनों को अब गिराया जाएगा। ट्रस्ट के सूत्रों ने बताया कि इन भावना में 1992 के बाद से ही पूजा-अर्चना नहीं हुई है। बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार इन भवनों को ध्वस्त किया जाएगा, लेकिन इनमें विराजमान गर्भगृह को मंदिर परिसर में ही किसी स्थान पर स्थापित कर उनकी विधिवत पहले की तरह पूजा अर्चना शुरू की जाएगी। इस बाबत संत समाज से भी चर्चा करने का फैसला लिया गया।

रामलला के खाते में साढ़े सोलह करोड़ रुपए

राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में आय-व्यय पर भी चर्चा की गई। बैठक में जानकारी दी गई कि रामलला के खाते में पहले से ही करीब बारह करोड़ रुपए जमा हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब तक करीब साढे़ चार करोड़ रुपए का दान आ चुका है। आने वाले दिनों में इस खाते में काफी रकम आने की संभावना है। ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रामलला के खाते में दान करने के लिए राम भक्तों से भी अपील की जाएगी। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है की मंदिर बनाने में पैसे की कमी नहीं होने दी जाएगी। हिंदू समाज के 10 करोड़ परिवारों से पैसा जुटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि तीन से साढ़े तीन साल के भीतर मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा।

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मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने का स्वागत

ट्रस्ट की बैठक में राम मंदिर की ऊंचाई बढ़ाए जाने पर मुहर लगने के बाद संतों और धर्माचार्यों ने खुशी जताई है। संतों ने ट्रस्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि ट्रस्ट ने करोड़ों रामभक्तों की भावनाओं का आदर करते हुए राम मंदिर की ऊंचाई बढ़ाकर अयोध्या की गरिमा के साथ न्याय किया है।

हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा है कि ट्रस्ट ने राम भक्तों की भावनाओं का आदर करते हुए राम मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने का जो फैसला किया है वह प्रशंसनीय है। अब अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर और भी भव्य होगा। राम मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने के लिए अभियान छेड़ने वाले महंत परमहंस दास ने भी कहा कि राम मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला लेकर ट्रस्ट ने अयोध्या की गरिमा के साथ ही राम मंदिर के साथ भी न्याय करने का काम किया है। जगतगुरु राम दिनेशाचार्य और महंत जनमेजय शरण ने भी मंदिर को और भव्य बनाने के लिए लिए गए फैसलों का स्वागत किया है।

इकबाल अंसारी बोले- पीएम का स्वागत करूंगा

इस बीच बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा है कि मैं प्रधानमंत्री का अयोध्या में स्वागत करना चाहता हूं। उन्होंने कहा मंदिर निर्माण को लेकर संत समाज जो चाहता है, वही मैं भी चाहता हूं। मंदिर निर्माण का काम जल्द ही प्रधानमंत्री के हाथों शुरू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद के लिए मुस्लिम समाज को दी गई 5 एकड़ भूमि पर एक अस्पताल और एक स्कूल का निर्माण किया जाना चाहिए। इकबाल अंसारी के अलावा मुस्लिम पक्ष की ओर से ट्रस्ट की बैठक पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है।

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