Ramcharitmanas controversy: रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी, पुलिस ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की

Ramcharitmanas controversy: रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किले बढ़ने वाली है। रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी देने के मामले में हजरतगंज पुलिस ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।

Update: 2023-05-03 09:19 GMT
स्वामी प्रसाद मौर्या ( सोशल मीडिया)

Ramcharitmanas controversy: रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किले बढ़ने वाली है। रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी देने के मामले में हजरतगंज पुलिस ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनवरी में पवित्र हिंदू धर्मग्रंथ रामचरितमानस और इसके रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी। 24 जनवरी को बाजारखला निवासी शिवेंद्र मिश्रा ने हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उनपर धार्मिक भावनाओं को आहत करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

शिकायतकर्ता का आरोप था कि 22 जनवरी को वह एक टीवी न्यूज चैनल पर डिबेट सुन रहे थे। इस दौरान सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। जिससे हिंदू समाज आहत महसूस कर रहा है। उनका यह बयान जाति विभाजित करने और समाज में घृणा फैलाने वाला है। जानकारी के मुताबिक, जिन धाराओं में मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, उसमें सात साल से कम की सजा का प्रावधान था, इसलिए उस दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था।

चार्जशीट में दोषी पाए गए स्वामी प्रसाद

पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के केस की जांच कर रहे हजरतगंज इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्रा ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में उन्हें दोषी करार दिया है। उन्होंने बताया कि जिस वीडियो को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, उसकी जांच कराई गई। जिसमें पुष्टि हुई कि वीडियो आरोपी का ही था। इसी के आधार पर उन्हें नोटिस भेजा गया था। आरोपी का बयान दर्ज कराने के बाद आरोपपत्र दाखिल की गई।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर सवाल उठाते हुए इसे पवित्र धर्मग्रंथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। जिसे लेकर बिहार में सियासी भूचाल आ गया था। सत्तारूढ़ महागठबंधन में भी इसे लेकर मतभेद पैदा हो गया थे। मामला ठीक से ठंडा भी नहीं हुआ था कि यूपी में वरिष्ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी मानस पर ऐसी ही टिप्पणी कर दी। जिस पर यहां भी खूब बवाल देखने को मिला था।

विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी छोड़ सपा में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए इससे विवादित अंश को बाहर निकालने या पूरे ग्रंथ पर बैन लगाने की मांग कर दी थी। उन्होंने कहा था कि इसमें लंपट, दुराचारी, अनपढ़, गंवार ब्राह्मण को भी पूजनीय बताया गया है, जबकि शूद्र के ज्ञानी और विद्वान होने पर भी सम्मान न करने की बात कही गई है। मौर्य ने आगे कहा था कि तुलसीदास ने इसे अपनी खुशी के लिखा है, इसलिए इसमें लिखी श्लोक और चौपाईयों को निकाला जाए।

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