रामपुर पब्लिक स्कूल के कब्जे से 22 कमरों सहित एक बड़े भू-भाग को कराया गया मुक्त

जिला प्रशासन ने आज शहर के बीचों बीच किले के पास सरकारी भवन में चल रहे रामपुर पब्लिक स्कूल के कब्जे से 22 कमरों सहित एक बड़े भूभाग को खाली कराकर सरकारी यूनानी अस्पताल को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि स्कूल का संबंध सपा नेता आजम खान से है।

Update: 2019-03-13 12:23 GMT

रामपुर: जिला प्रशासन ने आज शहर के बीचों बीच किले के पास सरकारी भवन में चल रहे रामपुर पब्लिक स्कूल के कब्जे से 22 कमरों सहित एक बड़े भूभाग को खाली कराकर सरकारी यूनानी अस्पताल को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि स्कूल का संबंध सपा नेता आजम खान से है।

प्रशासन के मुताबिक भवन का ये भाग सरकारी यूनानी अस्पताल का था, जिस पर आजम खान के ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे रामपुर पब्लिक स्कूल की ओर से अवैध कब्जा बना लिया गया था। जिसे आज मुक्त करा दिया गया।

उधर प्रशासन की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही विरोध करने पहुंचे आजम समर्थक आरपीएस स्कूल के सामने ही सड़क पर धरने पर बैठ गये और पुलिस प्रशासन और योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। लेकिन भारी फोर्स की मौजूदगी में विरोधियों की एक ना चली। आखिरकार प्रशासनिक अधिकारियों ने यूनानी अस्पताल के डॉक्टर को भवन का कब्जा दिला दिया।

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इस मामले में एडीएम रामपुर जेपी गुप्ता ने बताया के यह भवन सरकारी था। जिसके एक भाग में, जिसमें 22 कमरे और कुछ भवन का भाग शामिल था। सरकारी यूनानी अस्पताल चलाया जाता था। और कुछ भाग को सरकार द्वारा रामपुर पब्लिक स्कूल को दिया गया था।

जबकि रामपुर पब्लिक स्कूल द्वारा भवन के उस भाग पर भी कब्जा बना लिया गया था।

जिसमें सरकारी यूनानी अस्पताल चलाया जाता था। इस मामले में यूनानी अस्पताल के डॉक्टर की शिकायत पर एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है और कार्रवाई करते हुए यूनानी अस्पताल की 22 दुकानों और भवन के उस भाग को कब्जा मुक्त करा लिया गया और यूनानी अस्पताल के डॉक्टर को कब्जा सौंप दिया गया है।

इस मामले में आज़म खान ने प्रेस वार्ता करते हुए मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। श्री खान ने कहा कि “मैं इलेक्शन कमीशन तक इस बात को पहुंचाना चाहता हूं कि रामपुर में चुनाव निष्पक्ष नहीं होगा। आज जो माहौल इस वक़्त रामपुर में है, जो गैर कानूनी कार्रवाई यहां की जा रही है। ये ठीक नहीं है।

यह पहला वाक़या नहीं है, जब रामपुर में अघोषित कर्फ्यू है। महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है और स्कूल के पांच 5 साल के बच्चों को स्कूल से निकाला गया है। यह गैरकानूनी तो है ही हद दर्जे तक अमानवीय बर्ताव भी है। हम इसकी निंदा करते हैं।

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