किसानों को फायदा देने के लिए योगी सरकार ने उठाया कदम, केंद्र को भेजा ये प्रस्ताव

योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में आपदा प्रभावित किसानों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने की पहल की है। इसके लिए कृषि फसलों की क्षति के निर्धारित मानक मद 33 प्रतिशत की सीमा को घटाकर 20 प्रतिशत करने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार (राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण) को भेजा है।

Update: 2019-07-04 16:33 GMT
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लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में आपदा प्रभावित किसानों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने की पहल की है। इसके लिए कृषि फसलों की क्षति के निर्धारित मानक मद 33 प्रतिशत की सीमा को घटाकर 20 प्रतिशत करने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार (राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण) को भेजा है।

अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने गुरुवार को बताया कि भारत सरकार ने देश व प्रदेश में संचालित की जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिकांश कृषि फसलों के लिए क्षति स्तर 80 प्रतिशत निर्धारित की है। इसके तहत यदि किसी भी अधिसूचित कृषि फसल की उत्पादता, उसकी औसत उत्पादकता से 20 प्रतिशत से अधिक गिरती है तो उस कृषि फसल को बोने वाले किसान को बीमा के अंतर्गत क्षति पाने का अधिकारी हो जाता है।

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अपर मुख्य सचिव ने बताया कि विभिन्न कृषि फसल बीमा योजनाएं 20 प्रतिशत कृषि क्षति होने पर ही लागू हो जाती है, लेकिन राज्य आपदा मोचक निधि में राहत के मानकों में यह गिरावट 33 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर ही किसान राहत पाने के लिए पात्र था। उन्होंने बताया कि यदि कृषि निवेश अनुदान मद के मानक मद को 33 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत बीमा के लिए निर्धारित प्रतिशत तक कर दिया जाता है तो इससे अधिक कृषकों को आच्छादित कर राहत दी जा सकती है।

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इससे पहले बीते माह नीति आयोग की बैठक में किसानों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार के सामने कई अहम मांगें और सुझाव रख चुके हैं। इसमें भी उन्होंने सूखा घोषित क्षेत्रों में फसल नुकसान की सीमा 33 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने का सुझाव दिया था। उनका कहना है कि इन पर अमल होने से प्रदेश के ज्यादा किसानों को अधिक सहायता मिल सकेगी।

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