मोदी सरकार की इस योजना से रेहड़ी पटरी दुकानदारों को राहत
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रूपये का जो आर्थिक पैकेज दिया,उसका परिणाम अब दिखने लगा है। सरकार का प्रयास रहा हैं कि समाज के हर तबके को मदद पंहुचायी जाये ।
लखनऊ : केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रूपये का जो आर्थिक पैकेज दिया,उसका परिणाम अब दिखने लगा है। सरकार का प्रयास रहा हैं कि समाज के हर तबके को मदद पंहुचायी जाये । एक ओर जहां छोटे और कमजोर तबके के लोगो को अनाज और पेशन जैसी मदद दी गयी।
वही कृषि छोटे मझोले और बड़े उद्योगो को ध्यान में रखा गया। सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र से सत्ता मे आने वाली सरकार ने समावेशी विकास को बढ़ावा दिया। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना इसका एक उदाहरण है। रेड़ी पटरी दुकानदारों को राहत पंहुचाने के लिए यह शुरू की गयी योजना काफी फायदेमंद साबित हो रही है।
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स्ट्रीट वेंडरों को तेजी से लाभ
बात अगर शामली जिले की करे तो यहां पर इस योजना में जिले में स्ट्रीट वेंडरों को तेजी से लाभ दिलाया जा रहा है। इसके लिए निंरतर जिले की 10 नगरीय निकायो में कैंप लगाकर आवेदन लिए जा रहे है। जिले का लक्ष्य 10 हजार 158 वेंडरों को लाभ दिलाने के लिए रखा गया है। फिलहाल जिले की नगर निकायों में कुल 5057 आवेदन स्वीकार किए गए है, जबकि एक हजार 167 लाभार्थियों को लाभ दिलाने के लिए बैंकों से स्वीकृति हो चुकी है। जनपद में प्रधानमंत्री स्वनिधि पंजीयन बूथ की स्थापना की गई है, जहां पर लाभार्थी वेंडर अपना रजिस्ट्रेशन तथा आनलाइन आवेदन करा रहे है।
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छोटे-बडे शहरो मे रेहडी
कोविड-19 के दौरान छोटे-बडे शहरो मे रेहडी वाले, पटरी व सडक किनारे दुकान, कोई कारोबार करके रोज कमाने रोज खाने वाले काफी दुकानदार एवं वैंडर्स अपनी रोजी रोटी चलाते थे। वह लॉकडाउन के दौरान बंद हो गया। शहरी पथ विक्रेता प्रतिदिन वस्तुएं खरीदते है। उसे प्रतिदिन बेचते है और प्रतिदिन जो कमाते है, उससे उनके परिवार का पालन होता है। शहरी पथ विक्रेताओं की इन समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना का शुभारंभ किया है। परियोजना अधिकारी डूडा प्रदीपकांत ने बताया कि शहरी पथ विक्रेताओं को पुनः अपना व्यवसाय कार्य प्रारम्भ करने के लिए 10 हजार रूपये का ऋण 12 मासिक किश्तों पर सात फीसद ब्याज सब्सिडी की छूट पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है।
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आत्मनिर्भर बनाने
शहरी पथ विक्रेताओं को पुनः अपना कार्य शुरू कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज के रूप में आसान किश्तों पर ऋण की सुविधा देकर कार्यशील पुंजी बनाने में उनकी सहायता की जा रही है। नगर निकायों द्वारा पटरी दुकानदारों का सर्वेक्षण कराते हुए उनका पंजीयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले की 10 नगरीय निकायो में कैंप लगाकर आवेदन लिए जा रहे है। जिले का लक्ष्य 10 हजार 158 वेंडरों को लाभ दिलाने के लिए रखा गया है। जिसके सापेक्ष कुल 5057 आवेदन स्वीकार किए गए है, जबकि एक हजार 167 लाभार्थियों को लाभ दिलाने के लिए बैंकों से स्वीकृति हो चुकी है। वहीं लाभार्थियों ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में उन्हें काफी लाभ मिला है। लाकडाउन में रोजगार ठप हो गया था, लेकिन अब वे 10 हजार की मदद से फिर से अपना रोजगार शुरू कर रहे है। लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।
श्रीधर अग्निहोत्री