रोहनियां विधायक सुरेंद्र सिंह : राजनीति ही नहीं, अर्थशास्त्र व कानून के भी जानकार 

विधायक निधि के सवाल पर सुरेंद्र सिंह औढ़े ने बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि अगर विधायक निधि का ठीक ढंग से उपयोग हो तो इससे बेहतर कुछ और नहीं है। जनता अपने विधायक से अपेक्षाएं रखती है। यकीनन जनदबाव अधिक रहता है। फिरभी हमारी कोशिश रहती है कि लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरे।

Update: 2020-10-01 10:03 GMT
Rohanian MLA Surendra Singh Fraud: Not only politics, but also knowledge of economics and law

आशुतोष सिंह

वाराणसी। रोहनियां विधानसभा पर बीजेपी की राह कभी आसान नहीं रही। इस सीट पर कब्जा वही करता है जिसे पिछड़ों का साथ मिलता है। साल 2012 में इस सीट से अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने जीत हासिल की लेकिन सांसद चुने जाने के बाद साल 2014 में उन्हें ये सीट छोड़नी पड़ी। साल 2014 विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी ने इस सीट पर सुरेंद्र सिंह औढ़े को मैदान में उतारा। सुरेंद्र सिंह ने पार्टी को निराश नहीं किया और सपा के महेंद्र पटेल को करारी शिकस्त देकर बीजेपी का परचम फहराया।

पीएम के सपनों का पूरा करने की जिम्मेदारी

सुरेंद्र सिंह औढ़े के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। ये जिम्मेदारी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गोद लिया गांव जयापुर, रोहनिया विधानसभा के अंतर्गत ही आता है। इसके अलावा केंद्र सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं इन दिनों रोहनियां विधानसभा में चल रही हैं।

सुरेंद्र सिंह औढ़े को भी इन चुनौतियों का बखूबी एहसास है। न्यूजट्रैक से बात करते हुए उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन के कई पहलूओं को साझा किया। विकास कार्यों को गिनाया तो चुनौतियों का भी जिक्र किया। साढ़े तीन साल के रिपोर्ट कार्ड को पेश करते हुए बीजेपी विधायक आत्मविश्वास से लबरेज दिखे।

उन्होंने कहा पिछले कुछ सालों से रोहनियां विधानसभा का तेजी से शहरीकरण हुआ है। ऐसे में सड़क, पेयजल और सीवर की समस्या को दुरुस्त करना, बड़ी चुनौती थी। लेकिन पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ के सहयोग से इन मुश्किलों को पार पा लिया गया है। आज रोहनियां उत्तर प्रदेश के मॉडल विधानसभा के तौर पर पहचान रखता है।

विकास की नई कहानी गढ़ने की कोशिश

दरअसल विधान सभा क्षेत्र रोहनिया की सीमा के एक छोर पर रामेश्वर महादेव निवास करते हैं तो दूसरे छोर पर शूल टंकेश्वर महादेव विराजमान हैं। कर्दमेश्वर महादेव मंदिर व पंचक्रोशी यात्रा का पहला पड़ाव भी इसी विस क्षेत्र की चौहद्दी में है।

श्रृंखलाबद्ध धर्मशालाएं हैं तो ऐतिहासिक मंदिरों जैसे देहली विनायक मंदिर, अष्टभुजा मंदिर, मां तुलजा-दुर्गा मंदिर आदि के चलते पूरे क्षेत्र में धार्मिक बयार बहती है। उन्होंने बताया कि विधायक निधि के विकास कार्यो के अलावा केन्द्र और राज्य सरकार की विकासपरक योजनाओं को भी जमीन पर उतारा है।

इसमें गंगा नदी के बाढ़ की विभिषिका से लोगों को बचाने के लिए 27758.72 लाख से गढ़वाघाट आश्रम से तारापुर टिकरी, मुड़ादेव तक तटबंध बनाने की परियोजना पर काम चल रहा है।

लगभग एक करोड़ की लागत से मुड़ादेव,तारापुर,सामनेघाट टिकरी में 600 मीटर तटबंध बाढ़ रोकने के लिए बन चला है।

छित्तुपुर में 500 मीटर सिंचाई फाटक,शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर के पास एक करोड़ 77 लाख की लागत से 25 मीटर घाट की अतिरिक्त स्वीकृति,

मंदिर का सुन्दरीकरण, भाष्करा तालाब केशरीपुर का सुंदरीकरण,

मड़ुंवाडीह से एफसीआई गोदाम तक जलजमाव को रोकने के लिए सीसीरोड,

ग्राम सभा मड़ौली और डीएलडब्ल्यू, मंडुवाडीह चांदपुर चौराहा तक 03 किमी की सीसीरोड,

मोहनसराय से अकेलवा होते हुए लहरतारा तक पिच रोड, छितौनी बंधा से रामेश्वर मंदिर तक पिच रोड,

मंदिर तक जाने के लिए इंटर लाकिंग,रामेश्वर घाट पर पक्का शवदाह स्थल निर्माण,

टड़िया ग्राम कोटवां से वरूणानदी तक लगभग 500 मीटर तक इंटरलाकिंग का कार्य,

लंका क्षेत्र के मुरारी चौक से चित्तूपुर जाने वाली सड़क आदि है।

अर्थशास्त्र और कानून के भी जानकार

सुरेंद्र सिंह औढ़े ने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रख दिया। कुछ दिनों की मेहनत में ही उन्होंने बीजेपी में अलग जगह बनाई। पहले जिलाध्यक्ष की कमान संभाली। इसके बाद विधायक बने। राजनीति में रुचि रखने वाले सुरेंद्र सिंह औढ़े अर्थशास्त्र और कानून की भी अच्छी समझ रखते हैं।

बीएचयू से अर्थशास्त्र से स्नातक और गोरखपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी करने वाले बीजेपी विधायक का सपना हमेशा ही समाजसेवा रहा। यही कारण है कि राजनीतिक सुचिता को हमेशा ही सर्वोपरी रखते हैं। तामझाम और दिखावे की राजनीति से दूर रहने वाले सुरेंद्र सिंह औढ़े आज भी बारह से चौदह घंटे जनता जनता के बीच रहते हैं।

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उन्होंने कहा कि जनता की सेवा ही उनके जीवन की जमापूंजी है। जनता ने मुझे मौका दिया है तो उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना ही पड़ेगा। बातचीत के दौरान कहते हैं कि पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के कारण देश-दुनिया की मीडिया की नजर हमारे विधानसभा सीट पर लगी होती है। लिहाजा प्रदेश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले चुनौती भी बड़ी है।

बच्चों के बीच समय बिताने में मिलता है सुकून

विधायक सुरेंद्र सिंह औढ़े की गिनती बीजेपी के कुशल संगठनकर्ता के रुप में होती है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पिछड़ों को जोड़ने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी, जिसे उन्होंने बखूबी अंजाम दिया। शायद यही कारण है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी दावेदारों को खारिज करते हुए उनपर विश्वास दिखाया।

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विधायक ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत अभियान, सौभाग्य योजना, आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन योजना सहित अन्य योजनाओं को जमीन पर उतार कर पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए वो लगातार काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी तब मिलती है, जब वो एक गरीब की मदद करते हैं। संयुक्त परिवार में विश्वास रखने वाले सुरेंद्र सिंह औढ़े एक सामान्य परिवार से आते हैं। तीन भाईयों का परिवार आज भी एक साथ रखता है। राजनीति से इतर जब भी समय मिलता है, बीजेपी विधायक अपने परिवार के बच्चों के साथ समय बिताते हैं।

नौकरशाही के बढ़ते दखल को किया खारिज

विधायक निधि के सवाल पर सुरेंद्र सिंह औढ़े ने बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि अगर विधायक निधि का ठीक ढंग से उपयोग हो तो इससे बेहतर कुछ और नहीं है। जनता अपने विधायक से अपेक्षाएं रखती है। यकीनन जनदबाव अधिक रहता है। फिरभी हमारी कोशिश रहती है कि लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरे।

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नौकरशाही के बढ़ते दखल को उन्होंने सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच भ्रम फैलाने के लिए विरोधी दल के नेता, ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार के काम करने का ढ़ंग अलग है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश तेजी से विकास के राह पर आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी पहले की तुलना में अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि योगी राज में माफिया पनाह मांग रहे हैं। उनकी अवैध कमाई कुर्क की जा रही है।

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