UP Election 2022: छठे-सातवें चरण के चुनाव पर असर डालेगा रूस-यूक्रेन युद्ध, BJP और विपक्ष दोनों ने बनाया मुद्दा

UP Election 2022: रूस और यूक्रेन विवाद का असर उत्तर प्रदेश में चल रहे विधान सभा चुनाव पर भी पड़ने लगा है. अभी दो चरणों का मतदान बाकी है.

Written By :  Raj Kumar Singh
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-03-02 15:31 IST

रूस और यूक्रेन विवाद का असर उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव पर (फोटो-कॉंसेप्ट)

UP Election 2022: रूस और यूक्रेन विवाद का असर उत्तर प्रदेश में चल रहे विधान सभा चुनाव पर भी पड़ने लगा है. अभी दो चरणों का मतदान बाकी है. बीजेपी और विपक्ष दोनों इस अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. दोनों ही चुनाव में इसका प्रयोग अपने पक्ष में करने के लिए लग गए हैं. बीजेपी और समाजवादी पार्टी के आईटी सेल इस मुद्दे पर बेदह आक्रामक तरीक से काम कर रहे हैं.

बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि सशक्त छवि को मुद्दा बना रही है. जिस तरह से रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने दोनों ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की और इस मुद्दे पर समर्थन मांगा है उससे उनकी छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत हुई है.

युद्ध के बीच से छात्रों की सकुशल वापसी बड़ा मुद्दा

बीजेपी इसे जोरशोर से वोटर्स को बताने का प्रयास कर रही है. बीजेपी का कहना है कि दुनिया में अस्थिरता और तीसरे विश्व युद्ध के खतरे को देखते हुए इस समय देश को एक मजबूत सरकार और नेता चाहिए. यूपी को भी इसी मुद्दे पर वोट करना चाहिए. और प्रदेश में योगी व देश में मोदी के हाथों को मजबूत करना चाहिए.

इसके साथ ही यूक्रेन में पढ़ने गए छात्रों को वापस भारत लाने के मुद्दे पर भी बीजेपी केंद्र सरकार की पीठ थपथपा रही है. और लोगों को ये समझाने का प्रयास कर रही है कि मोदी जी के नेतृत्व में ही ये संभव है कि युद्ध के बीच से छात्रों की सकुशल वापसी कराई जा रही है.

फोटो-सोशल मीडिया

इसके लिए केंद्र सरकार ने जिस तरह से चार केंद्रीय मंत्रियों को छात्रों को लाने भेजा है उसको लेकर भी जनता को ये बताया जा रहा है कि मोदी जी को छात्रों की बहुत परवाह है. ये सब बातें सोशल मीडिया और जनसंपर्क के दौरान मतदाताओं तक पहुंचाई जा रही हैं.

आक्रामक तरीके से उठा रहे सवाल 

इसके विपरीत विपक्ष खासतौर से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस केंद्र सरकार पर यूक्रेन संकट के समय ढीला रवैया अपनाने का आरोप लगा रहे हैं. इन दोनों दलों का साफ तौर से कहना है कि पूरी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री यूपी के चुनाव में व्यस्त हैं और यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस लाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर काफी आक्रामक तरीके से सवाल उठा रहे है. यूक्रेन में कर्नाटक के एक छात्र की गोलीबारी में मौत होने के बाद विपक्ष का सरकार और बीजेपी पर हमला बढ़ गया है.

साफ है कि उत्तर प्रदेश में छठे और सातवें चरण के चुनाव में रूस और यूक्रेन का मुद्दा काफी ऊपर हो गया है. ये मुद्दा सीधे सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से जुड़ा है इसलिए बीजेपी इस पर काफी मुखर है. राष्ट्रवाद से जुड़े मुद्दे भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं. मतदाता भी इन मुद्दों से भावनात्मक रूप से जुड़ा होता है इसलिए चुनाव के दौरान इनके असर से इनकार नहीं किया जा सकता.

उत्तर प्रदेश में अब तक हुए चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी एक दूसरे से जिस तरह से आमने सामने हैं ऐसे में वे किसी भी तरह की कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. यही वजह है कि अंतिम दो चरणों का चुनाव करो या मरो की तरह है. इन दोनों ही चरणों में अब स्थानीय, प्रादेशिक और राष्ट्रीय मुद्दों के साथ साथ रूस- यूक्रेन विवाद भी जुड़ गया है. देखते हैं कि 111 बची हुई सीटों जनता इस मुद्दे पर किसका साथ देती है.

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