Russia Ukraine: मौत के मुंह से बाहर आईं सुल्तानपुर की बेटियां, न पानी-न खाना, सुने यूक्रेन की दर्दनाक कहानी

Russia Ukraine News: यूक्रेन (Ukraine News) में फंसी सुल्तानपुर की दो बेटियां सकुशल अपने घर पहुंची। बेटियों के घर पहुँचते ही उनके स्वागत में भारत माता की जय के जयकारे लगे और जमकर हुई आतिशबाजी हुई। हालाकिं छात्राएं बोली हम घर लौट आए लेकिन अब हमारी पढ़ाई का क्या होगा।

Written By :  Fareed Ahmed
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-03-06 14:53 IST

 यूक्रेन में फंसी सुल्तानपुर की महिमा सिंह और शुभांगी सिंह 

Russia Ukraine Conflict : सुल्तानपुर शहर के सब्जी मंडी निवासी व्यवसायी गंगा सिंह की बेटी महिमा सिंह व निराला नगर निवासी जे.पी सिंह की बेटी शुभांगी सिंह यूक्रेन देश के कीव शहर में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। महिमा सिंह और शुभांगी सिंह शनिवार की देर रात जब यूक्रेन से अपने घर पहुंची तो उन्हें वहां एक जश्न का माहौल देखने को मिला।

भारत माता की जय के लगे नारे 

स्थानीय लोगों दोनो बेटियों के स्वागत में आतिशबाजी की तो वहीं भारत माता की जय और पीएम मोदी (PM Modi) जिंदाबाद के नारे भी लगे। इस बीच यह बेटियां जो दर्द उठाकर यूक्रेन से यहां पहुंची वो दर्द और डर उनके चेहरे पर साफ झलकता नजर आया। घर लौटी दोनों छात्राओं ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वहां बदले हालात के बीच इन बेटियों को वहां मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा।

नहीं है पानी और बिजली की सुविधा

छात्रा शुभांगी सिंह ने बताया कि मैं घर लौटकर बेटर के साथ-साथ अपने आप को सुरक्षित फील कर रही हूं। 25 फरवरी को सुबह 8 बजे हम लोग अपने हॉस्टल से निकले थे अब जाकर हम अपने घर पहुँचे हैं। हम यूक्रेन देश के कीव में थे। अभी भी बहुत से छात्र वहां फंसे हैं उन्हें भी जल्द से जल्द वहां से वापस लाया जाय। इसलिए कि वहां पानी नहीं है-लाइट नहीं है। उन्होंने बताया कि लड़कियों के साथ तो फिर भी ठीक रहा लेकिन लड़कों के साथ बहुत समस्या है। बॉर्डर पर हम 9-9 घंटे माईंस टमप्रेचर पर खड़े रहे हैं। यूक्रेन में हमने खाने पीने का स्टॉक किया लेकिन बॉर्डर पर आने के बाद खाने की पीने की समस्या नहीं आई। अभी भी मेरी दोस्त वहां फंसी है।

पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं महिमा

वहीं महिमा सिंह सिंह ने बात करते हुए कहा कि मैं मेडिकल स्टूडेंट हूं और कीव में थी। हम दोनों ने साथ ट्रेवल किया तो जो इन्होंने फेस किया वही हमने भी फेस किया। अभी तो अच्छा फील हो रहा कि फाइनली हम घर पहुंच गए हैं लेकिन अभी भी मेरी दोस्त वहां फंसी है, मैं चाहती हूं उन्हें वहां से जल्द से जल्द निकाल लिया जाए। क्योंकि वहां पर हालात बहुत ज्यादा खराब हो रही है। उन्होंने काफी अहम बात कही, घर तो लौट आए हैं मगर अब टेंशन है हमारी पढ़ाई का क्या होगा। 

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