महिलाओं के लिए दस गांव तक पहुंची आवाज, सुरक्षित गर्भ समापन के लिए किया जागरूक

 समर्थ फाउंडेशन और सहयोग संस्था के संयुक्त तत्वाधान में जनपद के कुरारा ब्लाक के दस गांवों में सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर शुक्रवार को एक साथ जागरूकता व हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। 

Update:2020-08-28 21:49 IST
सुरक्षित गर्भ समापन पर चला हस्ताक्षर अभियान में महिलाओं को सुरक्षित गर्भ समापन के प्रति जागरूक किया गया। कुरारा ब्लाक के दस गांवों में जागरूकता अभियान चला।

हमीरपुर: जनपद के कुरारा ब्लाक के दस गांवों में सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर शुक्रवार को एक साथ जागरूकता व हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। समर्थ फाउंडेशन और सहयोग संस्था के संयुक्त तत्वाधान से यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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50 लाख महिलाएं गर्भवती

कुरारा ब्लाक के डामर और सरसई गांवों में समर्थ फाउंडेशन के देवेंद्र गांधी ने ग्रामीण महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में करीब 50 लाख महिलाएं गर्भवती होती है, इनमें करीब 6 लाख महिलाएं गर्भ समापन करती है। जिसमें स्वत: गर्भपात भी शामिल है।

असुरक्षित तरीके से गर्भ समापन

कुल मातृ मृत्यु दर में करीब 8 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु असुरक्षित तरीके से गर्भ समापन के कारण हो जाती है। मातृ मृत्यु दर की बढ़ोत्तरी को रोकने व असुरक्षित गर्भ समापन के प्रतिकूल परिणामों को रोकने के प्रयासों के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 1971 में गर्भ समापन कानून लाया गया था।

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टोल फ्री नंबर

उन्होंने कहा कि गर्भ समापन के लिए सरकारी अस्पताल ही सबसे अच्छी जगह है। 20 सप्ताह तक के गर्भ का समापन मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम 1971 के तहत कराया जा सकता है। देवेंद्र गांधी ने शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मुद्दों पर प्रभावित लोगों को सलाह देने के लिए सखी हेल्पलाइन नंबर 18002124471 की भी जानकारी दी।

 

सोशल मीडिया फोटो

 

उन्होंने कहा कि यह टोल फ्री नंबर है। इस नंबर पर फोन करने वाले लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे पर नि:शुल्क परामर्श दिया जाता है। इसी तरह ग्राम शंकरपुर, भैंसापाली में संस्था की दिव्या व सुनील कुमार ने महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया के कुछ परिस्थितियों व शर्तों के साथ यह कानून सुरक्षित तरीके से गर्भ समापन की इजाजत देता है। स्त्री रोग में प्रशिक्षित व अनुभवी चिकित्सक जो मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम 1971 में पंजीकृत हो, वह गर्भ समापन करा सकती हैं।

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इस जागरूकता कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को कोविड-19 की जानकारी देते हुए मास्क प्रयोग करने, जरूरी कार्य होने पर ही बाहर आने-जाने, दो गज की दूरी का पालन करने एवं साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने के प्रति जागरूक भी किया गया। बड़ी संख्या में महिलाओं ने हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लिया।

रिपोर्टर: रविंद्र सिंह हमीरपुर

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