अब 170 एकड़ में बसा सहारा शहर भी नहीं दे सकेगा सुब्रत राय को सहारा

Update: 2016-04-04 11:50 GMT

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के शिकंजे में फंसने के बाद सहारा श्री सुब्रत राय की मुश्किलें दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं। अब राजधानी में 170 एकड़ में बसे सहारा शहर से भी इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

बता दें, कि सेबी पहले ही इस जमीन को सहारा की मानते हुए कुर्की की नोटिस जारी कर चुका है।

जमीन को लेकर क्या है विवाद

-सहारा को ग्रीन बेल्ट के साथ आवासीय योजना विकसित करने के लिए 22 अक्टूबर 1994 को नगर निगम ने लाइसेंस दिया था।

-इसका लाइसेंस 1997 में नगर निगम ने निरस्त किया तो सिविल कोर्ट ने इस पर रोक लगाई।

-इसके बाद 31 अगस्त 2012 को सेबी ने नगर निगम को जमीन कुर्की की सूचना दी।

-इसके बावजूद 6 नवम्बर 2015 को इसका नक्शा एलडीए ने पास कर दिया।

एलडीए ने पास किया नक्शा, नगर निगम ने अटकाया

-सहारा शहर के मामले में उस वक्त नया ट्विस्ट आया जब एलडीए ने तमाम नियमों और कानूनों को दरकिनार करते हुए सहारा शहर का नक्शा पास कर दिया।

-फिर सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन ने इस जमीन की लीज को लेकर नगर निगम पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।

-इससे निजात पाने के लिए निगम ने सरकार से कानूनी मदद मांगी।

एलडीए के नक्शा पास करने से निगम पर बढ़ा दबाव

-जानकारों का कहना है कि इस जमीन को लेकर पहले से ही विवाद रहे हैं।

-विवादों को नजरअंदाज करते हुए एलडीए ने नक्शा पास कर दिया।

-इसके बाद से ही जमीन की लीज को लेकर नगर निगम पर दबाव बढ़ा ।

सहारा का 15 आवंटियों के नाम पर लीज कराने पर जोर

-सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन अब नगर निगम पर इस जमीन के 15 आवंटियों के नाम पर लीज डीड कराने का दबाव बना रहा है।

-इससे नगर निगम के अधिकारी परेशान हो गए हैं।

-उन्होंने सचिव नगर विकास को पत्र लिखकर इस पर कानूनी मदद मांगी है।

20 साल से नहीं पास हुआ था जमीन का नक्शा

-लगभग 20 साल से इस शहर का नक्शा पास नहीं हुआ था।

-जिसकी वजह से कानूनी विवाद भी बढें।

-इसके बावजूद एलडीए ने 6 नवंबर 2015 को सहारा शहर का मैप पास कर दिया।

 

 

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