Illegal Mining Case: अखिलेश यादव को CBI के सामने होना होगा पेश, अवैध खनन मामले में जारी हुआ नोटिस
Illegal Mining Case: अखिलेश यादव को अवैध खनन मामले में कल यानी गुरुवार 29 फरवरी को नई दिल्ली स्थित एजेंसी के दफ्तर में तलब किया गया है।
Illegal Mining Case: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को सीबीआई ने नोटिस जारी किया है। उन्हें अवैध खनन मामले में कल यानी गुरुवार 29 फरवरी को नई दिल्ली स्थित एजेंसी के दफ्तर में तलब किया गया है। सपा सुप्रीमो को बतौर गवाह पेश होने को कहा गया है।
जानकारी के मुताबिक, अखिलेश यादव को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत 21 फरवरी को नोटिस जारी किया गया है। ये मामला ऐसे समय में आया है, जब एक के बाद एक करके बड़े विपक्षी नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों के छापे पड़ रहे हैं और कुछ तो जेल भी जा चुके हैं।
क्या है पूरा मामला ?
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर हमीरपुर में साल 2012-2016 के बीच हुए अवैध खनन की जांच सीबीआई कर रही है। जनवरी 2019 में एजेंसी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई 2012 से 2016 तक यूपी में जितने भी खनन मंत्री रहे हैं, उनकी भूमिका की जांच कर रही है। 2012-2017 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के पास भी एक साल (2012-13) यह विभाग रहा था। इसके बाद गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने थे और 2017 में एक महिला द्वारा रेप करने का आरोप लगाए जाने के बाद गिरफ्तार हुए थे।
सीबीआई के एफआईआर में आरोप है कि हमीरपुर जिले के तत्कालीन सरकारी कर्मचारियों के मिलीभगत से अवैध खनन हुआ। सरकारी कर्मचारियों ने निविदा प्रकिया का पालन किए बिना अवैध रूप से नए पट्टे और नवीकरण पट्टे दिए। लोगों को खनिजों के उत्खनन और उसकी चोरी करने की अनुमति दी गई, इसके बदले धन की उगाही की गई। इस मामले में सीबीआई ने चर्चित आईएएस अधिकारी बी.चंद्रकला के आवास पर भी रेड मारी थी।
किन-किन पर दर्ज हुआ था मुकदमा
28 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद सीबीआई ने तत्कालीन हमीरपुर डीएम, जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर और अन्य अज्ञात लोगों के विरूद्ध प्रिवेंशन ऑफ करप्शन समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। इस मामले में 5 जनवरी 2019 को एजेंसी ने विभिन्न जगहों पर छापा मारकर भारी मात्रा में नकद और सोना बरामद किया था।