CM अखिलेश को बड़ा झटका, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने भेजा कारण बताओ नोटिस

पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को कारण बताओ नोटिस भेजा है। नोटिस में मुख्यमंत्री और बेटे अखिलेश से मुलायम सिंह ने पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। जवाब मांगा गया है कि उन्होंने किस अधिकार से प्रत्याशियों की सूची जारी की है।

Update:2016-12-30 17:30 IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में रस्साकशी तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की प्रत्याशी सूची के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सूची को लेकर घमासान बढ़ गया है। अब इस पर पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को कारण बताओ नोटिस भेजा है। नोटिस में मुख्यमंत्री और बेटे अखिलेश से मुलायम सिंह ने पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं, जब मुलायम सिंह ने सीएम अखिलेश को कारण बताओ नोटिस जारी किया तो उस वक्त सीएम पत्नी डिंपल के साथ मोहनलालगंज में खुजौली स्थित एक वरिष्ठ पत्रकार के फॉर्म हाउस पर निजी कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे।

खुजौली स्थित एक फॉर्म हॉउस पर पत्नी डिंपल के साथ सीएम अखिलेश

सीएम अखिलेश को नोटिस

मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव को नोटिस जारी किया।

अखिलेश यादव से जवाब मांगा गया है कि उन्होंने किस अधिकार से प्रत्याशियों की सूची जारी की है।

रामगोपाल से भी पूछा गया है कि वह बार बार प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों कर रहे हैं।

अखिलेश को शिवपाल का झटका

-इस बीच शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव को एक और झटका दिया है।

-शिवपाल यादव ने समाजवादी युवजन सभा की नई टीम गठित कर दी है।

-इस टीम में प्रदेश भर में 95 जिलाध्यक्ष/ महानगर अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं।

-इस टीम से अखिलेश समर्थकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

अखिलेश का पलटवार

-इस बीच नोटिस मिलने के बाद सीएम अखिलेश ने 1 जनवरी को पार्टी की इमर्जेंसी मीटिंग बुलाई है।

-इस इमर्जेंसी मीटिंग की जानकारी प्रो. रामगोपाल यादव ने पार्टी के लोगों को पत्र भेज कर दी है।

-प्रो. रामगोपाल यादव ने पत्र में कहा है कि 1 जनवरी को राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय में पार्टी का एक प्रतिनिधि सम्मेलन होगा।

-इस सम्मेलन में सीएम अखिलेश और रामगोपाल की तरफ से किसी बड़े ऐलान की संभावना जताई जा रही है।

नोटिस पर रामगोपाल यादव का बयान

-रामगोपाल यादव ने नेताजी के नोटिस को हवा में उड़ा दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी नोटिसें आती रहती हैं।

-1 जनवरी को सम्मेलन में सबकुछ तय हो जाएगा। जब इमेज खराब हो रही है तो कोई भी बैठक बुलाने के लिए कह सकता है।

-लोगों ने इसकी डिमांड की है। सवाल पूछने पर रामगोपाल यादव मीडियाकर्मियों पर भी भड़क उठे।

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