यूपी की इस आईपीएस ने बदल दी काशीपुर गांव की सूरत, विलुप्त प्राय कछुओं को दिया नया जीवन

Sambhal News: अनुकृति ने हमें इनके विलुप्तप्राय होने की बात बताई तो सभी लोग हैरान रह गए और अंततः प्रण लिया कि अब कुछ भी कर के कछुओं को बचाएंगे।

Report :  Santosh Tiwari
Update: 2024-06-06 07:38 GMT

IPS Anukriti with others (Photo: Newstrack)

Sambhal News: उत्तर प्रदेश की पुलिस अक्सर अपने नकारात्मक रवैये से सुर्खियों में रहती है लेकिन इस बार यहां की एक महिला आईपीएस ने ऐसा काम किया है जिससे पुलिस के प्रति लोगों के इस नजरिए में बदलाव आया है। किस्सा यूपी के संभल जिले का है जहां बतौर एएसपी तैनात 2020 बैच की महिला अफसर अनुकृति शर्मा ने अपने नवाचार से जुनावई थानाक्षेत्र क्षेत्र के काशीपुर गांव में सकारात्मक बदलाव ला दिया है। दरअसल, इस गांव में दो बड़े- बड़े तालाब हैं जिनमें इंडियन सॉफ्ट शेल टर्टल प्रजाति के सैकड़ों कछुए हैं और यह प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है।

आईपीएस अनुकृति को इस बात की सूचना एक दिन किसी ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान दी थी लेकिन गांव का नाम नहीं बता पाया था। चुनाव अवधि में नियमित गश्त और भ्रमण के दौरान उन्होंने लोगों से इस बारे में जानकारी एकत्र करनी शुरू कर दी जिसके बाद उन्हें जुनावनी गांव के बारे में पता चला और दोनों तालाबों की बद्तर हालात की बात भी सामने आई। अनुकृति बताती हैं कि तालाब में गन्दगी होने और विलुप्तप्राय सैकड़ों कछुओं की जान खतरे में होने की बात सुनकर मैं सबसे पहले टीम के साथ 23 अप्रैल को गांव में गई और वहां तालाब के हाल देखे जिससे एक बात स्पष्ट हो गई कि यदि जल्द प्रयास न किए गए तो कछुओं को बचाना असंभव हो जाएगा। इसके लिए ग्रामीणों से भी बात की गई। जब उन्हें इंडियन सॉफ्ट शेल टर्टल की इस प्रजाति के बारे में बताया और उनके विलुप्त होने की कगार पर पहुंचने की बात कही तो ग्रामीणों ने इस बात से अनभिज्ञता जताई और कहा कि हम लोगों को नहीं पता था कि यह प्रजाति अब खत्म हो रही है। अगर ऐसा है तो हम सभी ग्रामीण इन्हें बचाने में आपके साथ हैं।



इस तरह शुरू हुए प्रयास, काशीपुर बना 'कछुए वाला गांव'

23 अप्रैल को अनुकृति शर्मा सबसे पहले काशीपुर गांव में गई थी और उन्होंने ग्रामीणों को इन कछुओं के महत्त्व के बारे में जानकारी दी थी जिसके बाद ग्राम प्रधान किशन वीर के साथ अन्य लोगों ने दोनों तालाबों को साफ़ कर कछुओं को बचाने का बीड़ा उठाया। सभी ने 5 जून की डेडलाइन काम पूरा करने के लिए तय कर दी और 24 मई को तालाबों की साफ़ सफाई भी शुरू हो गई। ग्राम प्रधान किशन वीर कहते हैं कि पहले हम सभी को लगता था ये कछुए किसी सामान्य प्रजाति के होंगे इसलिए हम लोग इसपर कभी ध्यान नहीं देते थे। जब अनुकृति ने हमें इनके विलुप्तप्राय होने की बात बताई तो सभी लोग हैरान रह गए और अंततः प्रण लिया कि अब कुछ भी कर के कछुओं को बचाएंगे।

बुलंदशहर से मंगाई नाव, नमामि गंगे की टीम को किया शामिल और शुरू हो गई सफाई

नवाचार की शुरूआत करने वाली आईपीएस अनुकृति शर्मा कहती हैं कि संभल जनपद प्राकृतिक रूप से काफी समृद्ध है इस वजह से यहाँ कई ऐसे जीव जंतु हैं जो अन्य जगहों पर आसानी से नहीं मिलते। उन्होंने कहा कि यह मुहिम आसान नहीं थी चूँकि मामला गहरे तालाब का है इस वजह से बुलंदशहर जनपद से नाव मंगवानी पड़ी। इसके अलावा गहराई में सफाई करने के लिए प्रशिक्षित लोगों की भी जरूरत पड़ी जिसके लिए नमामि गंगे की टीम से संपर्क किया गया। साथ ही काशीपुर गांव के युवा, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर सहयोग किया। जिसके बाद 5 जून को तालाब की सफाई, सौंदर्यीकरण और चारों तरफ से फेंसिंग करने का कार्य पूरा हो गया। तालाब की ख़ूबसूरती बनाए रखने और लोगों को जागरूक करने के लिए तालाबों के आसपास कई बोर्ड लगाए गए हैं जिसमें इसको साफ़ और स्वच्छ रखने का लोगों से निवेदन किया गया है।

लखनऊ में भी तैनात रही हैं अनुकृति शर्मा, किए हैं कई नवाचार

आईपीएस अनुकृति शर्मा कुछ वर्ष पहले लखनऊ में भी तैनात रही हैं। अपने शुरुआती दिनों में बतौर ट्रेनी एसएचओ उन्होंने लखनऊ के विभिन्न स्कूलों और गांवों में जाकर 'पुलिस माय फ्रेंड' नामक अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान उन्होंने न सिर्फ लोगों को पुलिस की कार्यशैली से रूबरू कराया बल्कि पुलिस-पब्लिक के बीच बेहतर ताल्लुकात स्थापित करने हेतु लोगों को अपने व्यक्तिगत नंबर भी उपलब्ध कराए। जिन गांवों में यह अभियान चला वहां पुलिस का मुखबिर तंत्र भी मज़बूत हुआ है। उनके इस अभियान को जिले के साथ प्रदेश स्तर पर भी सराहना मिली है। 

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