Sambhal: जुमे की नमाज से पहले 10 जिलों की पुलिस तैनात, जानें हाईकोर्ट में किस मामले को लेकर दायर हुई याचिका
Sambhal: संभल में आज जुमे की नमाज होनी है जिसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से चौकन्नी है कि कही किसी भी तरह की हिंसा न होने पाए।
Sambhal: संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे पर रविवार को हुई हिंसा को देखते हुए आज जुमे की नमाज से पहले संभल के चप्पे- चप्पे पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है। बता दें कि पिछली बार हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि 20 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। रविवार को सर्वे जांच टीम द्वारा पूरा कर लिया गया था जिसकी रिपोर्ट आज यानी शुक्रवार को पेश होनी है।
आज संभल में फिर से हालात न बिगड़े इसके लिए पुलिस सुबह से ही अलर्ट मोड में है। पूरे शहर में PAC की 15 कंपनियां और RAF की 2 कंपनियां तैनात की गई हैं। संभल में दस जिलों की पुलिस गश्त कर रही है। इन सब के आलावा मस्जिद जिसको लेकर विवाद उठा है वहां ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है।
मस्जिद के अंदर बाहरी लोगों के जाने पर प्रतिबंध
आज संभल में उस दिन की हिंसा के बाद पहली जुमे की नमाज पढ़ी जाएगी। जिसके लिए पुलिसकर्मी बॉडी कैमरे के साथ तैनात किये गए हैं। शहर में BNS की धारा 163 लागू कर दी गई है। जहाँ भी चार से ज्यादा लोग इकट्ठा होने पुलिस उनसे पूछताछ कर सकती है। आज इंटरनेट सेवा भी अस्थाई रूप से बंद कर दी गई है। प्रशासन ने आदेश दिया है कि जामा मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। एक अधिकारी ने बताया कि आज केवल मस्जिद के अंदर इबादत की अनुमति है। आज बाहरी लोगों के मस्जिद में जाने पर प्रतिबन्ध लगा है। मस्जिद के सभी दरवाजों पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। आसपास के घरों की छतों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती है। 50 से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है।
संभल हिंसा की सीबीआई जांच
संभल में रविवार को हुई हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका आनंद प्रकाश तिवारी नाम के व्यक्ति द्वारा अधिवक्ता इमरान उल्लाह और विनीत विक्रम के जरिए दायर की गई है। जिसमें इस बात की मांग की गई है कि संभल में जिस तरीके की हिंसा हुई थी जिसमे चार लोगों की मौत हो गई थी उसकी सीबीआई जांच हो। बता दें कि याचिका में इस बात की भी मांग की गई है कि संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत उन अधिकारीयों की भी जांच हो जो घटना में मौजूद थे। इसके अलावा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल से कराए जाने की मांग की गई है।