सेनेटाइजर का प्रयोग गलत: काजी ने दिया फतवा, ना हो इस्तेमाल
इबादतगाहों में एल्कोहल बेस सेनेटाइजर का प्रयोग गलत। जहां कोरोना को लेकर अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है, वहीं इससे बचाव व सुरक्षा के लिए लगातार साबुन से हाथ धोना व सैनिटाइजर का ज्यादातर उपयोग किया जा रहा है
लखनऊ: जहां कोरोना को लेकर अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है, वहीं इससे बचाव व सुरक्षा के लिए लगातार साबुन से हाथ धोना व सैनिटाइजर का ज्यादातर उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि डॉक्टरों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कि कोरोना वायरस जैसी महामारी से बचाव व सुरक्षा हेतु ज्यादा से ज्यादा सेनेटाइजर का प्रयोग किया जाना चाहिए। वहीं इसको लेकर अब शहर काजी नदीम अख्तर ने इसका विरोध जाहिर करे हुए बताया है कि सभी धर्म स्थल, इबादतगाहों में अल्कोहल बेस सनराइजर बिल्कुल गलत है।
ये भी पढ़ें:SC का बड़ा आदेश: आपस में बातचीत कर निकाले हल, कंपनियों को दी बड़ी राहत
क्योकि शुरू से ही माना जाता रहा है मस्जिद हो, गुरुद्वारा हो, चर्च या फिर मंदिर ही क्यों न हो अल्कोहल का उपयोग इनमें बिल्कुल वर्जित माना गया है। धर्म कोई सा भी हो, वो अल्कोहल को बिल्कुल पसंद नहीं इसलिए बहुत सारे पुजारी, महंत, मंदिरों व मठों के मठाधीश मस्जिदों के आइम हजरात ओर जो हमारे मुफ़्तीयान है। उन्होंने भी इस बात पर फिक्र जाहिर की है कि एल्कोहल बेस सेनेटाइजर का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। एल्कोहल बेस्ड सेनेटाइजर तो अभी कुछ समय पहले की देन है, सदियों से हम लोग सेनेटाइजन व सफाई सुथराई का काम बिना एल्कोहल बेस सेनेटाइज से करते चले आ रहे है। हमें इसका विकल्प ढूंढना चाहिए जैसे कॉस्टिक या ब्लीचिंग पाऊडर आदि।
ये भी पढ़ें:बॉर्डर पर हाहाकार: पुलिस की ताबड़तोड़ गोलीबारी से कांपे लोग, नहीं थम रहा विवाद
वहीं इसको लेकर देवबंदी उलेमा कारी इशहाक गौरा ने कहा कि बाज़ लोगों ने हैंड सेनेटाइजर को ही सेनेटाइज समझ लिया है, जब कि सेनेटाइज का मतलब है स्वच्छ यानी मुकलमल सफाई, बाज लोग ये कहते है कि सेनेटाइज में एल्कोहल होता है। हकीकत में ही एल्कोहल होता है, एल्कोहल कई तरह का होता है और कई मुखतरीब चीजों से बनाया जाता है, तो किसी को भी किसी तरह की कोई आपत्ति हो तो हमारे मदारिशो में फतवा विभाग होता है, तो लिखित में पहले वहां भेजा जाए और मुफ़्तीयानी इक़तराम जो जवाब दे उसका पालन किया जाए।
देवबंद दारुल उलूम का फतवा ...
हालात और मजबूरी के तहत सैनिटाइजर का प्रयोग सही। क्योकि इस वक़्त सैनिटाइजर में वेजिटेबल अल्कोहल का इस्तेमाल हो रहा है।
देवबंद विश्व विख्यात दीनी तालीम के अज़ीम मरकज दारुल उलूम देवबंद ने देश के मौजूदा हालात और कोरोना वायरस से बचाव के लिए सैनिटाइजर के प्रयोग को सही करार दिया।
उन्होंने कहा कि सैनिटाइजर में वेजिटेबल से बना अल्कोहल इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके प्रयोग करने में कोई दिक्कत नही है दारूल उलूम द्वारा जारी एक फतवे में बताया गया कि देश में इस समय कोरोना महामारी फैली हुई है तथा ऐसे में मस्जिदों के अंदर सैनिटाइजर का छिड़काव हाथों पर सैनिटाइजर लगा होने के बावजूद वजू कर लेना मस्जिदों के फर्श को सैनिटाइज करना मजबूरी के तहत दुरुस्त है। क्योंकि आमतौर पर जो बाजारों में सैनिटाइजर मिल रहे है उसमें वेजिटेबल से बना अल्कोहल इस्तेमाल हो रहा है।
इस समय कोरोना से बचाव मजबूरी है और सबसे पहले इस महामारी से बचाव करना है यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सैनिटाइजर में एल्कोहल होता और बरेली से जारी फतवे में सैनिटाइज के प्रयोग को नाजायज करार दिया गया था जबकि दारुल उलूम ने हालात और मजबूरी के मद्देनजर सैनिटाइजर के प्रयोग को सही ठहराया है।
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।