Sonbhadra News: सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों ने दिखाए विविध रंग, मुख्य सचिव हुए बच्चों से रूबरू, दी सीख
Sonbhadra News: संत कीनाराम पीजी कालेज का स्थापना दिवस समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए बच्चों ने विविध रंग दिखाए। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र बच्चों से रूबरू हुए।
Sonbhadra News: संत कीनाराम पीजी कालेज का स्थापना दिवस मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान जहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए बच्चों ने विविध रंग दिखाए। वहीं बतौर मुख्य अतिथि मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र बच्चों से रूबरू हुए। उन्होंने बच्चों को आगे पढ़ने की प्रेरणा दी। कहा कि जिस तरह से पीएम मोदी और सीएम योगी देश को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। उसी तरह से वह भी आगे बढ़कर देश को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने में योगदान दें।
कालेज पहुंचने पर मुख्य अतिथि दुर्गाशंकर मिश्र का गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने संत कीनाराम पब्लिक स्कूल के शिलापट का अनावरण किया। फीता काटकर और मां सरस्वती और महान औघड़ संत बाबा कीनाराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर और माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत की। छा़त्राओं ने गणेश वंदना, सरस्वती वंदना और अतिथि वंदना की मानोहारी प्रस्तुति दी। इसके बाद नन्हे-मुन्नों ने फनी और आकर्षक नृृत्य की प्रस्तुति देकर गदगद कर दिया।
बेटियों की शिक्षा जरुरी
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने सोनभद्र में तैनाती और उससे जुड़े संस्मरणों का जिक्र करते समय कहा कि संत कीनाराम पीजी कालेज की स्थापना ऐसे समय में हुई, जब यहां शिक्षा खासकर बेटियों को शिक्षा देने की महती जरूरत थी।
कालेज की स्थापना के लिए किए गए प्रयासों का भी जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा ही वह मार्ग है जो बच्चों को तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने जिले से जुडी यादें ताजा की कालेज के संस्थापक डा. गया सिंह ने मुख्य सचिव को सोनभद्र डीएम रहते कालेज स्थापना में दिए गए सहयोग का जिक्र करते हुए कहा कि, यह जनपद उनके कार्यकाल में किए गए कार्यों का ऋणी है। प्राचार्य डा. गोपाल सिंह ने सभी का आभार ज्ञापित किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि को शाल, श्रीराम दरबार और पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया।
सोनभद्र से जुड़ी यादें की ताजा
सोनभद्र पहुंचे मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने जिले से जुडी यादें ताजा की। इस दौरान न उन्होंने केवल अपने कार्यकाल के अनुभवों और उससे जुड़े संस्मरणों का जिक्र किया बल्कि चुर्क में रहे डीएम के तत्कालीन आवास को भी जाकर देखा। कंडाकोट स्थल से जुड़े संस्मरणों का भी जिक्र किया और वहां की मौजूदा स्थिति क्या है, इसकी जानकारी ली।