Sawan Somvar 2022: काशी में चारों ओर हर-हर महादेव की गूंज, बाबा विश्वनाथ के दरबार में भक्तों का सैलाब

Sawan Somvar 2022: सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ ही नहीं बल्कि काशी के विभिन्न इलाकों में स्थित अन्य प्रसिद्ध शिवालयों पर भी भक्तों का भारी हुजूम उमड़ा।;

Written By :  Anshuman Tiwari
facebook icontwitter icon
Update:2022-07-18 13:23 IST
kashi vishwanath mandir

kashi vishwanath mandir (photo: social media ) 

  • whatsapp icon

Sawan Somvar 2022: सावन के पहले सोमवार (Sawan Somvar)  पर भोलेनाथ की नगरी काशी में चारों ओर हर-हर महादेव और बोल बम की गूंज सुनाई पड़ रही है। शिव भक्तों का रेला रविवार को दोपहर से ही बनारस पहुंचने लगा था और आधी रात से ही बाबा विश्वनाथ (kashi vishwanath mandir) को जलाभिषेक करने के लिए लाइन लग गई। कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद शुरू हुई कावड़ यात्रा को लेकर कावड़ियों के चेहरे पर जबर्दस्त उल्लास नजर आया। यदुवंशियों ने 90 साल पुरानी परंपरा का निर्वाह करते हुए अपने आराध्य बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया।

सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ ही नहीं बल्कि काशी के विभिन्न इलाकों में स्थित अन्य प्रसिद्ध शिवालयों पर भी भक्तों का भारी हुजूम उमड़ा। मृत्युंजय महादेव, जागेश्वर महादेव, सारंगनाथ, त्रिलोचन महादेव, ओमकारेश्वर महादेव, गौरी केदारेश्वर मंदिर, तिलभांडेश्वर और अन्य शिवालयों पर बाबा को जल चढ़ाने के लिए भक्तों का ताता लगा रहा।

भक्तों में दिखा गजब का उत्साह

सावन का महीना बाबा भोलेनाथ को काफी प्रिय माना जाता है और शिव की नगरी काशी में पूरे सावन के दौरान बाबा विश्वनाथ के भक्तों में गजब का उल्लास दिखता है। सावन के पहले सोमवार के मौके पर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए पहुंचे भक्तों में गजब का उत्साह दिखा। सावन में पहली बार शिव भक्तों को गंगद्वार से बाबा के दरबार पहुंचने का मौका मिला।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 13 दिसंबर को श्री काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन किया था और उसके बाद यह पहला सावन है जब देश भर से कांवरिया बाबा के धाम जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं। रविवार की रात से ही बाबा विश्वनाथ के दरबार में जल अर्पित करने के लिए कांवड़ियों और भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई थी।

मंदिर प्रशासन की ओर से विशेष प्रबंध

मंदिर प्रशासन की ओर से शिव भक्तों की सुख सुविधा के लिए कई तरह के प्रबंध किए गए हैं। शिव भक्त गंगा घाट से रेड कारपेट से होते हुए बाबा के दरबार पहुंचे। श्रद्धालुओं के लिए कराई गई बैरिकेडिंग में रेड कारपेट बिछाया गया है। सावन के पहले सोमवार के खास मौके पर काशीपुराधिपति के दरबार को भव्य ढंग से सजाया गया है।

मंदिर प्रशासन का कहना है कि सावन के पहले सोमवार पर करीब छह लाख से अधिक शिव भक्तों के बाबा के दरबार में पहुंचने की संभावना है। शिव भक्तों की अपार भीड़ को देखते हुए विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने वाले सभी रास्तों पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। बाहर जाने वाली बसों को भी कई मार्गों पर शहर से बाहर ही रोकने की व्यवस्था की गई है।

यदुवंशियों ने किया जलाभिषेक

सावन के पहले सोमवार पर यदुवंशियों ने 1932 से चली आ रही परंपरा का निर्वाह करते हुए कलश में गंगा जल लेकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। यदुवंशी समाज के लोगों ने मानमंदिर घाट से गंगा का जल लिया और उसके बाद डेढ़सी पुल, साक्षी विनायक, ढुंढिराज गणेश और अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए बाबा का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे।

बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के बाद यदुवंशी समाज के लोग ललिता घाट से गंगाजल लेकर महामृत्युंजय मंदिर रवाना हुए। इस दौरान रास्ते में मौजूद लोगों ने श्रद्धापूर्वक हाथ उठाकर हर-हर महादेव का उद्घोष किया।

1932 में शुरू हुई थी परंपरा

सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के मंदिर में यादवों के जलाभिषेक की परंपरा 1932 में शुरू हुई थी। दरअसल 1932 में देश में भीषण अकाल पड़ा था। इस अकाल के कारण पशु-पक्षी भी मरने लगे थे। देशवासियों को अकाल से राहत दिलाने के लिए सावन के पहले सोमवार के पावन मौके पर काशी के भोला सरदार और चुन्नी सरदार ने यादव बंधुओं के साथ बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया था।

जलाभिषेक का काफी असर दिखा था। इसके बाद जोरदार बारिश हुई थी और देश में अकाल समाप्त हो गया था। तभी से सावन के पहले सोमवार पर यादव बंधुओं के जलाभिषेक की परंपरा चल रही है। मौजूदा समय में जलाभिषेक का नेतृत्व भोला सरदार के बेटे लालजी यादव करते हैं।

अन्य शिवालयों में भी उमड़े भक्त

काशी में सावन के महीने का काफी महत्व है और बाबा भोलेनाथ को प्रिय इस महीने के दौरान काशी के सभी शिवालयों में भक्तों की अपार श्रद्धा दिखती है। सावन के पहले सोमवार के मौके पर काशी विश्वनाथ के साथ ही काशी के अन्य प्रसिद्ध शिवालयों में भी सुबह से ही जलाभिषेक करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। शिवालयों के आसपास मेले जैसा नजारा दिखा। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से इस मौके पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं।

Tags:    

Similar News